संताल परगना में देवघर के छात्रों का दबदबा

देवघर : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 12वीं का परीक्षा परिणाम जारी किया गया. साइंस, कॉमर्स व ऑर्ट्स स्ट्रीम में देवघर के छात्र-छात्राएं अव्वल रहे. संताल परगना प्रमंडल स्तर पर साइंस स्ट्रीम में देवघर के 19 छात्र, कॉमर्स स्ट्रीम में देवघर के एक एवं ऑर्ट्स स्ट्रीम में देवघर के चार छात्रों ने सफलता का परचम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2018 5:03 AM
देवघर : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 12वीं का परीक्षा परिणाम जारी किया गया. साइंस, कॉमर्स व ऑर्ट्स स्ट्रीम में देवघर के छात्र-छात्राएं अव्वल रहे. संताल परगना प्रमंडल स्तर पर साइंस स्ट्रीम में देवघर के 19 छात्र, कॉमर्स स्ट्रीम में देवघर के एक एवं ऑर्ट्स स्ट्रीम में देवघर के चार छात्रों ने सफलता का परचम लहराया है.
रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ देवघर के छात्र राजबीर ने साइंस स्ट्रीम में 96.4 फीसदी अंक हासिल कर संताल परगना में टॉपर रहे. विद्यापीठ के 65 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. 42 छात्रों ने परीक्षा में 90 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किया. गीता देवी डीएवी पब्लिक स्कूल सातर देवघर की ममता कुमारी ने कॉमर्स में 94.2 फीसदी अंक हासिल कर संताल परगना में परचम लहराया.
ऑर्ट्स में तक्षशिला विद्यापीठ के कुमार आर्यन ने 88.2 फीसदी अंक हासिल कर संताल में नाम रोशन किया. साइंस में अव्वल रहे राजबीर ने इंगलिश में 94 अंक, फिजिक्स में 93 अंक, केमिस्ट्री में 98 अंक, बॉयोलॉजी में 99 अंक एवं इकोनॉमिक्स में 98 अंक हासिल किया है. कॉमर्स स्ट्रीम में ममता कुमारी ने कुल 471 अंक हासिल किया.
डॉक्टर बनना जीवन का लक्ष्य : राजबीर
आरके मिशन विद्यापीठ का छात्र राजबीर साइंस में संताल परगना बना. उन्होंने बताया कि काफी खुशी मिल रही है कि मुझे 96.4 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं. डॉक्टर बनना जीवन का लक्ष्य है. अगर यह मकसद पूरा नहीं हुआ, तो भौतिकी में रिसर्च करना चाहूंगा. पिताजी सुधीर कुमार, मां व परिजन सभी सदस्य इस सफलता से काफी खुश हैं. उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरा एफर्ट लगाऊंगा.
विषम परिस्थिति में निशा ने नहीं मानी हार
रिखिया नवोदय की 12वीं की छात्रा निशा कुमारी ने 96.2 फीसदी अंक लाकर संताल परगना में दूसरा व स्टेट टॉप टेन में अपना नाम दर्ज कराया है. निशा के चाचा छोटेलाल सिंह ने बताया कि उसकी सफलता से पूरे परिवार में खुशियां आ गयी है. पुणे के दक्षिणा इंस्टीट्यूट के लिए चयनित होने के बाद वहीं से तैयारियों में जुटी है. भविष्य में उससे परिजनों को ढेरों उम्मीद है. पिता के नहीं रहने व विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ती गयी.

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