12 लाख की ब्लड स्टोरेज मशीन फांक रही धूल
कर्मियों की नियुक्ति नहीं होने से मशीन का नहीं हुआ उपयोग पालोजोरी : स्वास्थ्य महकमे की बद इंतजामी का नमूना बन गया है पालोजोरी सीएचसी. यहां वर्ष 2014 में 12 लाख की लागत से ब्लड स्टोरेज मशीन आयी थी. यह गोदाम में पड़ी-पड़ी जंग खा रही है़ अगर इसे चालू रखा जाता तो क्षेत्र के […]
कर्मियों की नियुक्ति नहीं होने से मशीन का नहीं हुआ उपयोग
पालोजोरी : स्वास्थ्य महकमे की बद इंतजामी का नमूना बन गया है पालोजोरी सीएचसी. यहां वर्ष 2014 में 12 लाख की लागत से ब्लड स्टोरेज मशीन आयी थी. यह गोदाम में पड़ी-पड़ी जंग खा रही है़ अगर इसे चालू रखा जाता तो क्षेत्र के वैसे दर्जनों लोगों की जान बचायी जा सकती थी़, जिनकी मौत सड़क हादसे अथवा किसी दुर्घटना में ज्यादा खून बह जाने से होती है़ इसके अलावा इस मशीन के चालू रहने से सीएचसी में सिजेरियन ऑपरेशन व ओटी में मरीजों को रक्त मिलने में सहूलियत होती़ इस मशीन की क्षमता 20 यूनिट ब्लड को स्टोर करने की है़ मशीन जब से आयी है, तब से यह सीएचसी में पड़ी हुई है. विभाग ने किसी कर्मी को यहां पदस्थापित नहीं किया है़
इसके कारण यह वर्तमान समय में बेकार पड़ी हुई है़. जिला व अनुमंडल मुख्यालय से काफी दूरी होने के कारण पालोजोरी सीएचसी में ब्लड स्टोरेज यूनिट का होना जरूरी है़ विभाग से पालोजोरी में ब्लड स्टोरेज यूनिट को चालू करने की मांग यहां के लोगों ने उठायी है़ सीएचसी प्रबंधन से पूछने पर उनका कहना है कि कर्मी के अभाव में इसका संचालन नहीं हो रहा है़ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनी एलिजाबेथ टुडू ने भी इसके बारे में कोई विशेष जानकारी होने से इन्कार किया़. कहा कि ट्रेंड कर्मी के बिना इसे कैसे संचालित किया जायेगा़
कहते हैं सीएस
इस संबंध में सीएस डॉ कृष्ण कुमार ने बताया कि इसे चालू करने के लिए पहल शुरू किया जा चुका है़ जल्द ही इसे चालू करने के लिए आवश्यक कदम उठाया जायेगा़