पार्षद व एसइ की तू-तू-मैं-मैं में ही बैठक खत्म
देवघर : नगर निगम की संपूर्ण बोर्ड की बैठक सोमवार को हंगामेदार रही. बैठक में आम जनता के मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन पूरी बैठक हो-हंगामे व आरोप-प्रत्यारोप की भेंट चढ़ गयी. इस दौरान आम लोगों के मुद्दे गौण हो गये. बोर्ड की बैठक तय समय दो बजे से प्रारंभ होनी थी. सीइओ संजय […]
देवघर : नगर निगम की संपूर्ण बोर्ड की बैठक सोमवार को हंगामेदार रही. बैठक में आम जनता के मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन पूरी बैठक हो-हंगामे व आरोप-प्रत्यारोप की भेंट चढ़ गयी. इस दौरान आम लोगों के मुद्दे गौण हो गये. बोर्ड की बैठक तय समय दो बजे से प्रारंभ होनी थी. सीइओ संजय कुमार सिंह सहित सभी पार्षद बैठक सभागार में पहुंच कर मेयर व डिप्टी मेयर का इंतजार करते रहे.
मेयर व डिप्टी मेयर एक ही गाड़ी से आयीं : करीब ढाई बजे मेयर रीता राज व डिप्टी मेयर नीतू देवी एक ही गाड़ी से निगम पहुंची. कुछ देर गाड़ी पर ही बैठे रहने के बाद जरूरी काम होने की बात बताकर दोनों वापस लौट गयीं.
दोबारा पहुंची डिप्टी मेयर : 15 मिनट बाद डिप्टी मेयर दोबारा पहुंची. तीन बजे से बैठक शुरू हुई. पार्षद आशीष कुमार झा उर्फ कन्हैया झा ने अधीक्षण अभियंता पर आरोप-प्रत्यारोप प्रारंभ कर दिया व उन्हें हटाने की मांग करने लगे. एसइ ने भी पार्षद कन्हैया पर दबाव बनाने का आरोप लगाया, तो पार्षद शैलजा देवी, शुभलक्ष्मी देवी व रवि राउत भी एसइ का विराेध करने लगे. उन्हें स्टैंडिंग कमेटी से हटाने का निंदा प्रस्ताव लाने की बात कही गयी. लेकिन इस मुद्दे पर पार्षद दो खेमे में बंट गये.
इस तरह पूरी बैठक में जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों ने केवल हंगामा कर समय बर्बाद कर दिया और जनता की आवाज दब गयी.
इन पर होनी थी चर्चा, बहस में समय बर्बाद
संपूर्ण बोर्ड की बैठक में पहले के बैठक की कार्यवाही की संपुष्टि, डोर टू डोर वसूली, श्रावणी मेला के संबंध में, विभिन्न योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति के संबंध में व अन्यान्य पर चर्चा होनी थी. लेकिन, पूरी बैठक में केवल एक अधीक्षण अभियंता को हटाने के मुद्दे पर ही कुछ वार्ड पार्षद अड़े रहे और बाकी बचे वार्ड पार्षद अपनी आवाज नहीं उठा सके.
पानी कहीं हमें भी न ले डूबे
बैठक में पार्षद गुलाब मिश्र ने कहा कि जनता की बातों को न रखकर बैठक में इधर-उधर की बातें हो रही है व आरोप-प्रत्यारोप लगाये जा रहे हैं. हमलोगों ने जनता के हितों की एक भी बात नहीं की. निगम क्षेत्र में आज सबसे अधिक जरूरत पानी की है. उन्होंने आगाह किया कि यही पानी सांसद, विधायक से लेकर बड़े बड़ों को ले डूबा. यही हालत रही तो हमलोगों को भी पानी ही ले डूबेगा. नदी में पानी है और लोगों को पानी नहीं मिल रहा. सीइओ साहब पानी की समस्या को हल करें. उनकी बात के बाद हंगामा कर रहे वार्ड पार्षद चुप हुए.
पार्षद मंजू देवी ने सुनाई खरी-खरी
बैठक में पार्षद मंजू देवी ने विधायक प्रतिनिधि संजीव जजवाड़े, सांसद प्रतिनिधि देवता पांडे को भी खरी-खरी सुनायी. पार्षद ने कहा कि आप लोग बैठक में आते हैं, ताकि निगम क्षेत्र की समस्या से सांसद व विधायक को अवगत करा सकें. लेकिन, चुनाव के बाद अबतक जनप्रतिनिधियों को क्षेत्र में जाकर जनता की समस्या से रूबरू होते नहीं देखा. क्या निगम क्षेत्र की जनता के वोट से इन्हें मतलब नहीं है.
मौका नहीं मिलने से दिखी नाराजगी
कई पार्षदों ने कहा कि नगर निगम में 36 वार्ड हैं, लेकिन जब भी निगम की बैठक होती है यह केवल चार-पांच वार्ड पार्षदों तक ही सीमित रह जाती है. बैठक में अन्य वार्ड पार्षद अपनी आवाज नहीं उठा पाते. निगम में शामिल 44 गांव के पार्षदों को उनकी बातें कहने का मौका नहीं मिल पाता. जो जनप्रतिनिधि खास होते हैं, उनकी बातें प्रमुखता से रह जाती है. इससे कई वार्ड पार्षदों में नाराजगी देखी गयी.
अधिकार क्षेत्र से बाहर काम कर रहे एसइ : कन्हैया
एसइ रमेश झा अपने अधिकार क्षेत्र से हटकर सभी कार्य को अंजाम देते हैं. जो पूरी तरह से गलत है. इसकी जानकारी निगम के सीइओ को दी जा चुकी है. बोर्ड की बैठक में भी इनको हटाने का प्रस्ताव लिया जा चुका है. प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जायेगा.
आशीष कुमार झा उर्फ कन्हैया झा, पार्षद, वार्ड 22
गलत काम के लिए दबाव बनाते हैं कन्हैया झा : एसइ
अपने ऊपर लगाये गये आरोप के जवाब में अधीक्षण अभियंता ने कहा कि कन्हैया झा लगातार गलत काम के लिए हम पर दबाव बनाते आ रहे हैं. काम नहीं किये, तो मुझे गलत बता रहे हैं. अगर गलत साबित हुआ, तो नौकरी क्या मैं सबकुछ त्याग दूंगा.
रमेश झा, अधीक्षण अभियंता, नगर निगम
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