देवघर : अवैध संबंध को छुपाने के लिए घरेलू नौकर की हत्या में दोषी पायी गयी सविता देवी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. यह राशि मृतक के माता-पिता को भुगतेय होगी. कोर्ट ने कहा है कि जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से एक साल की सामान्य कैद काटनी होगी. घटना में मोहनपुर थाना क्षेत्र के बांझी गांव निवासी प्रह्लाद मंडल की हत्या कर दी गयी थी.
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अवैध संबंध छुपाने में नौकर की हत्या की दोषी महिला को उम्रकैद, जानें कैसे घटी थी घटना
देवघर : अवैध संबंध को छुपाने के लिए घरेलू नौकर की हत्या में दोषी पायी गयी सविता देवी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. यह राशि मृतक के माता-पिता को भुगतेय होगी. कोर्ट ने कहा है कि जुर्माना की राशि अदा नहीं करने […]
घटना का खुलासा दाे सितंबर 2008 काे हुआ था जब उसकी सिरकटी लाश आरोपित के घर के बगल से मिली थी. शव की पहचान मृतक के पिता राजेंद्र मंडल ने अपने पुत्र प्रह्लाद मंडल के रूप में की व हत्या का केस दर्ज कराया. इस मामले में अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक ब्रह्मदेव पांडेय ने पक्ष रखा व नौ लोगों की गवाही घटना के समर्थन में कोर्ट में प्रस्तुत की जिससे दोष सिद्ध करने में सफल हुए. बचाव पक्ष से अधिवक्ता सुनील कुमार मंडल ने पक्ष रखा, लेकिन दोष मुक्त कराने में सफल नहीं हो सके. दोषी सविता देवी मोहनपुर थाना के महेशमारा गांव की रहनेवाली है तथा विजय कुमार मंडल की पत्नी थी. विजय मंडल भी इस समय जेल में है तथा उस पर दोहरे हत्याकांड का आरोप है
कैसे घटी थी यह घटना
मोहनपुर थाना क्षेत्र के महेशमारा गांव में सविता देवी रह रही थी. दर्ज एफआइअार के अनुसार घर में कामकाज के लिए घरेलू नौकर के तौर पर प्रह्लाद मंडल को सविता देवी व उसके पति ने रखा था. महिला के यहां उसके देवर साधन मंडल का अाना-जाना होता था. जिसके साथ अवैध संबंध था. उनके घरेलू नौकर ने इसे देख लिया था. इसकी जानकारी प्रह्लाद ने अपने घर वालों को दी थी व काम पर न जाने की बात दो दिन पहले यानि 31 अगस्त 2008 को कही थी. उल्लेख है कि वह अपने पिता से यह कह कर घर से निकला कि पैसों का हिसाब करके लौटते हैं. दो दिन बाद उनका सिरकटा शव महिला के घर से महज सौ फीट की दूरी पर मिला. इस घटना के संदर्भ में मृतक के पिता के मोहनपुर थाना में केस दर्ज कराया जिसमें सविता देवी, साधन मंडल व दो अज्ञात को आरोपित बनाया गया था. इसमें कहा गया था कि अवैध संबंध को छुपाने की नीयत से इस घटना को अंजाम दिया था. अनुसंधान के बाद सिर्फ महिला के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल हुआ जबकि दूसरे आरोपित के विरुद्ध पुलिस अनुसंधान जारी रखी है. चार्जशीट के बाद केस को सेशन ट्रायल में भेजा गया जहां पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उक्त फैसला दिया गया.
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