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शिक्षक अरविंद राज जजवाड़े आज होंगे राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित पीएम ने ट्वीट कर कहा- इनके जॉयफुल टीचिंग मेथड छात्राें को पसंद

देवघर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवघर के शिक्षक अरविंद राज जजवाड़े की तस्वीर अपने साथ ट्वीटर पर पोस्ट की है. शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर उन्होंने लिखा है कि श्री जजवाड़े के जॉयफुल टीचिंग मेथड को छात्र पसंद करते हैं. झारखंड के अपने स्कूल में छात्रों के नामांकन कराने और उपस्थिति दर्ज कराने […]

देवघर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवघर के शिक्षक अरविंद राज जजवाड़े की तस्वीर अपने साथ ट्वीटर पर पोस्ट की है. शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर उन्होंने लिखा है कि श्री जजवाड़े के जॉयफुल टीचिंग मेथड को छात्र पसंद करते हैं. झारखंड के अपने स्कूल में छात्रों के नामांकन कराने और उपस्थिति दर्ज कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने टीचिंग के बेस्ट प्रैक्टिसेस को दूसरों के साथ भी शेयर किया है. झारखंड से दो शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है.

अरविंद राज जजवाड़े का चयन सरकारी विद्यालय के वर्ग से हुआ है. राज्य सरकार को इस वर्ष 40 आवेदन प्राप्त हुए थे. जिसमें से तीन शिक्षकों का नाम राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए भारत सरकार को भेजा गया था. राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों को शिक्षक के दिवस के मौके पर सम्मानित किया जायेगा. सम्मान स्वरूप 50 हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र व पदक दिया जायेगा.

स्वच्छता व युवा सोच से बदल दी स्कूल की तसवीर
जसीडीह शैक्षणिक अंचल स्थित प्राथिमक विद्यालय गोपालपुर के प्रभारी प्रधानाध्याक युवा शिक्षक अरविंद राज जेजवाड़े ने अपनी युवा सोच व इनोवेशन के बदौलत नयी पीढ़ी के बच्चों के सपनों को उड़ान दिया है. सरकारी स्कूलों एवं सरकारी शिक्षकों के प्रति माता-पिता, अभिभावकों एवं सामाज के लोगों की सोच को बदलने में इन्होंने अथक मेहनत किया है. बदलते परिवेश में एक मॉडल के रूप में सामने आये हैं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में कांधा लगाने वाले अरविंद राज जेजवाड़े. शिक्षक अरविंद राज से विजय कुमार ने की बातचीत-
प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर में कैसे आया इतना बदलाव ?
मध्य विद्यालय गोपालपुर बंद विद्यालय था. वर्ष 2009 में मैंने प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में यहां योगदान किया. विद्यालय के पास अपनी जमीन नहीं थी. गांव के लोगों से 53 डिसिमल जमीन विद्यालय के नाम पर डोनेट कराया. शुरुआती दौर में विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बेहद खराब थी. नामांकन के एवज में चंद बच्चे ही स्कूल आते थे. शेष बच्चे आसपास के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने जाते थे. मेरे लिए बच्चों का विद्यालय में ठहराव व माता-पिता एवं अभिभावकों का साथ चुनौती था. गांव के लोग पूर्वाग्रह से ग्रसित थे. लोगों की सोच बदलने के लिए बच्चों के बीच विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी कराने लगा. इससे अभिभावकों का झुकाव विद्यालय के प्रति हुआ. अभिभावकों में ललक थी कि बच्चे अंग्रेजी भाषा सीखें, अंग्रेजी में बातचीत करें. मेरा अंग्रेजी विषय है. पढ़ाने लगा. उसके बाद धीरे-धीरे अभिभावक, कम्युनिटी और गांव के लोगों का पूरा सपोर्ट मिलने लगा.
स्वच्छता व युवा सोच…
अब तो विद्यालय में हैंडवॉश यूनिट के साथ, टॉयलेट, झूला, गार्डेन चेयर, बरामदा पर मार्बल, फ्लोरिंग का काम पूरा किया गया है.
Qअब भी विद्यालय में कौन-कौन सा काम लंबित पड़ा हुआ है?
विद्युतीकरण सहित सड़क निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ है. हालांकि विद्युतीकरण एवं सड़क निर्माण के लिए राशि ट्रांसफर हो गया है. श्रावणी मेले के कारण काम शुरू नहीं किया गया था. अब लगता है कि जल्द ही काम शुरू हो जायेगा. ग्रामीणों ने विद्यालय को पीने के पानी के साथ-साथ रोशनी के लिए सोलर भी डोनेट किया है.
सवाल : वर्तमान शिक्षा पद्धति को कैसा मानते हैं?
जवाब : वर्तमान सरकार शिक्षा के प्रति बेहद गंभीर है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी बजट में बेहतर प्रावधान किया गया है. इसका परिणाम भी सामने आने लगा है. पहले के मुकाबले शिक्षा व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है.
सवाल : आप क्या बदलाव चाहते हैं?
जवाब : मेरे विद्यालय को मध्य विद्यालय में अपग्रेड किया जाये. ताकि गांव के बच्चों को पढ़ाई के लिए ज्यादा दूरी तय नहीं करना पड़े. विद्यालय के अपग्रेडेशन के लिए पोषक क्षेत्र के लोगों द्वारा जिला शिक्षा अधीक्षक एवं डीसी देवघर को भी हस्ताक्षरयुक्त पत्र दिया गया है. इसके अलावा विद्यालय के बाल संसद की प्रधानमंत्री द्वारा भी प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली को पत्र भेजा गया है.
सवाल : स्वच्छता सर्वेक्षण में विद्यालय कहां था ?
जवाब : राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए मेरे स्कूल का चयन होना गर्व की बात है. स्वच्छता सर्वेक्षण में विद्यालय अव्वल आया है. एक लाख रुपये पुरस्कार के रूप में विद्यालय को प्राप्त हुआ था.
सवाल : राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए आपका भी चयन हुआ है? कैसा महसूस कर रहे हैं?
जवाब : मुझे बेहद खुशी हो रही है कि इतने कम समय में मुझे राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुना गया है. अमूमन सेवानिवृति के वक्त शिक्षकों का नाम राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भेजा जाता है. पहले देश भर में 330 शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चयन किया जाता था. लेकिन, अब 45 शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुना गया है. ऐसे में मेरे नाम का चयन निश्चित रूप से खुशियों को दोगुना करना वाला है.
सवाल : आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहते हैं.
जवाब : इस सफलता का पहला श्रेय मैं अपने स्कूल के बच्चों को देना चाहता हूं. जिन्होंने मेरी हर बात को फॉलो कर रहे हैं और आगे बढ़ रहे हैं. साथ ही मैं अपने माता-पिता को सफलता का श्रेय देता हूं. जिनके मार्गदर्शन से इस मुकाम तक पहुंचा हूं.
पिता, बहन व भाभी को गोल्ड मेडल
अरविंद राज जेजवाड़े के पिता हरिनारायण जेजवाड़े संस्कृत विषय में गोल्ड मेडलिस्ट हैं. बहन रिंकी देवी एवं अनंत राज जेजवाड़े की पत्नी चंदा खवाड़े भी गोल्ड मेडलिस्ट हैं.
राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए भी प्राथमिक विद्यालय, गोपालपुर का चयन
सांसद निशिकांत ने किया री-ट्वीट

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