देवघर: क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी (परिवहन प्राधिकार) कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं कर रहा. जबकि कोर्ट ने राज्य परिवहन प्राधिकार, रांची व सभी क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार को ट्रांसपोर्ट रिविजन नंबर-29 के तहत स्पष्ट आदेश दिया गया है कि पहले बस मार्गो के रूट का निर्धारण कर सरकारी गजट में प्रकाशित करते हुए सुझाव व आपत्ति की मांग करें. सुझाव व आपत्तियों पर सुनवाई करने के पश्चात मार्गो व रिक्तियां निर्धारण कर आवेदन पर विचार कर सकते हैं.
उक्त आदेश अपीलीय न्यायाधिकरण, झारखंड, रांची ने 14 फरवरी 2014 को राज्य परिवहन प्राधिकार, रांची व सभी क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार के लिए जारी किया है.
किस परिस्थिति में जारी हुआ
झारखंड प्रदेश बस ऑनर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव ने उक्त कोर्ट में ट्रांसपोर्ट रिविजन के लिए याचिका दायर की थी. विगत 08 दिसंबर 2013 को एसोसिएशन की बैठक में इसका निर्णय लिया गया था. क्योंकि प्राधिकार द्वारा मनमानी किया जा रहा था जिससे बसों के परिचालन को लेकर काफी क्षोभ था.
सभी प्राधिकार मोटरयान अधिनियम की धारा 68(3)(सीए), 87(1)सी, 88(7), 71 व 72 की अधिनियम 1988 का अनुपालन नहीं कर रहे थे. इस बाबत 20 मार्च 2014 को अध्यक्ष, अपीलीय न्यायाधिकरण झारखंड, रांची ने मेमो नंबर -82 द्वारा सीएम, मुख्य सचिव, सचिव परिवहन विभाग, झारखंड सरकार, रांची व अध्यक्ष राज्य परिवहन प्राधिकार, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार को सूचित किया कि मोटर यान अधिनियमों (एमवीआइ) को सरकार व परिवहन प्राधिकार जल्द अनुपालन करें.
उसके पश्चात ही प्राधिकार अपनी कोई बैठक कर सकता है. मगर संताल परगना क्षेत्रीय पविवहन प्राधिकार, दुमका कोर्ट(अध्यक्ष, अपीलीय न्यायाधिकरण) के आदेश को दरकिनार करते हुए तीन जून 2014 को बैठक करने का निर्णय ले लिया. जो फिलहाल किसी कारणवश स्थगित हो गया है. पुन: यह बैठक 11 जून को आहुत की गयी है. इसकी सूचना विभागीय कार्यालय के सूचना पट्ट पर दर्शाया गया है.