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जिले में ऑटो चालकों की चलती मनमर्जियां

देवघर : शहर की चरमराती यातायात व्यवस्था में ऑटो वाले काफी हद तक जिम्मेदार हैं. वाहन चेकिंग हो या फिर जुर्माना वसूली के लिए यातायात पुलिस शहर में जाल बिछा देती है, लेकिन शहर में धड़ल्ले से नियमों का उल्लंघन कर चल रहे ऑटो चालकों पर पुलिस का रवैया काफी सुस्त दिखता है. एक तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2018 5:30 AM
देवघर : शहर की चरमराती यातायात व्यवस्था में ऑटो वाले काफी हद तक जिम्मेदार हैं. वाहन चेकिंग हो या फिर जुर्माना वसूली के लिए यातायात पुलिस शहर में जाल बिछा देती है, लेकिन शहर में धड़ल्ले से नियमों का उल्लंघन कर चल रहे ऑटो चालकों पर पुलिस का रवैया काफी सुस्त दिखता है. एक तो सड़क पर ऑटो बेलगाम तरीके से चल रहे हैं.
देवघर-जसीडीह, देवघर-सारवां, देवघर-बासुकिनाथ हो या फिर देवघर-चकाई रोड इन रास्तों पर चालक ऐसे ओवरटेक कर ऑटो बेलगाम चलाते हैं मानो यह सड़क नहीं रेसिंग ट्रैक हो. ऑटो चालकों का न तो स्पीड पर नियंत्रण है और न ही नियमाें पर. ऑटो में सवारी ऐसे लादकर ले जाये जाते हैं जैसे इन्सान नहीं भेड़ बकरी ले जा रहे हों. जिले में ऑटो दुर्घटना के मामले अक्सर आ रहे हैं फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही. यात्री जान-जोखिम में डालकर सफर कर रहे हैं. नो इंट्री जोन में भी ऑटो वाले जहां मन किया गाड़ी खड़ी भी कर देते हैं, जिस कारण जाम लगता है.
जबरन ठूंस कर बैठाये जाते यात्री
छोटे ऑटो में चालक जबतक पीछे चार व आगे चार यात्री नहीं बैठा लेते उनकी गाड़ी नहीं बढ़ती. बड़े ऑटो में भी क्षमता से अधिक यात्री बैठाकर ले जाये जाते हैं. हद तो तब हो जाती है कि ऑटो चालक वाहन की छत पर भी यात्रियों को बैठकार ले जाते हैं. जिस कारण अक्सर अनियंत्रित होकर ऑटो दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.
हर बड़े शहरों में ओवरलोडिंग रोकने के लिए कड़े नियम हैं, इसके बावजूद यातायात जिला घोषित देवघर में ऑटो चालकों पर कोई नियम लागू नहीं होता दिख रहा. बेधड़क तरीके से ऑटो चालक अपनी मनमानी कर रहे हैं. चालकों के हितों के लिए बना संघ भी नियम कायदे पर चलने की जगह कार्रवाई होने पर हंगामा बरपाने लगता है.
नो इंट्री जोन में भी जहां तहां खड़े रहते वाहन
देवघर, जसीडीह में घोषित नो इंट्री जोन में दर्जनों ऑटो दिन-रात खड़े रहते हैं. बेतरतीब तरीके से वाहन खड़ा करने के कारण लगने वाले जाम देखकर भी चौराहों पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है. रात में तो ऑटो चालकों की मनर्जियां देखते ही बनती है. यात्रियों व दुकानदारों को इससे काफी परेशानी हो रही है. शहर में पैदल चलने की जगह नहीं मिलती. जसीडीह मुख्य बाजार, स्टेशन चौक पर नौ इंट्री जोन घोषित किया गया है. लेकिन कई ऑटो चालक जसीडीह के मुख्य बाजार रोड़, दुर्गा मंदिर रोड, चकाई मोड़ से स्टेशन मोड़ तक जहां- तहां गाड़ियों को लगा देते है.
कहते हैं संघ के अध्यक्ष
पूर्व में पूर्व मेयर व सांसद की ओर से मौखिक रूप से टेंपाे चालक को पार्किंग के लिए मदरसा की जमीन मुहैया करायी गयी थी. जिला प्रशासन की ओर से श्रावणी मेला के लिए यह जमीन ले ली गयी. इसके बाद दोबारा पार्किंग के लिए जमीन नहीं मिली. रिजर्व होने के कारण कई बार ऑटो ओवरलोड हो जाता है.
कन्हैया झा, टेंपो चालक संघ अध्यक्ष, देवघर
नो पार्किंग जोन जसीडीह में कुछ बाहरी ऑटो चालक ट्रेन आने के दौरान ऑटो लेकर चला जाता है, जिसे रोकने पर कई बाद झड़प भी हो चुकी है. जिला प्रशासन व यातायात पुलिस से वैसे चालकों पर कार्रवाई की भी मांग की गयी है. ओवरलोड रिजर्व के दौरान अधिक यात्री होने पर यात्री खुद वाहन में चढ़ जाते हैं. चालक को रोकने के बाद भी नहीं मानते.
देवनंदन झा उर्फ नुनू झा, टैंपो चालक संघ, अध्यक्ष, जसीडीह
कहते हैं ट्रैफिक डीएसपी
ऑटो चालक को कागजात दुरुस्त करने का 20 नवंबर तक समय दिया गया है. नियम से चलने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद भी नियमों का उल्लंघन होता है तो कार्रवाई होगी.
अजय कुमार सिन्हा, सीसीआर डीएसपी

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