बीएसएनएल नेटवर्क की हालत बिगड़ी, घट रहे उपभाेक्ता

देवघर : बीएसएनएल को लेकर कहे जानेवाली लोकोक्ति ‘भाई साहब हम नहीं सुधरेंगे’ अब भी चरितार्थ हो रही है. संताल परगना में बीएसएनएल सेवा बदहाल हो गया है. इस कारण बीएसएनएल उपभोक्ताअों के मोबाइल के साथ लैंड लाइन कनेक्टिवीट को लेकर समस्या बनी रहती है. एक अोर जहां संताल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2018 5:34 AM
देवघर : बीएसएनएल को लेकर कहे जानेवाली लोकोक्ति ‘भाई साहब हम नहीं सुधरेंगे’ अब भी चरितार्थ हो रही है. संताल परगना में बीएसएनएल सेवा बदहाल हो गया है. इस कारण बीएसएनएल उपभोक्ताअों के मोबाइल के साथ लैंड लाइन कनेक्टिवीट को लेकर समस्या बनी रहती है. एक अोर जहां संताल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा सहित देवघर व दुमका जिले में पिछले छह माह से शाम ढलने के बाद नेटवर्क गायब हो जाता है.
सूत्रों की मानें तो पूरे संताल परगना में टूजी व थ्रीजी के 300 से अधिक बीटीएस हैं. मगर इनमें से आधे से ज्यादा बीटीएस पर्याप्त डीजल न मिल पाने अौर बैटरी की सुविधा न रहने के कारण काम करना बंद कर देते हैं. सिर्फ देवघर शहर में बीएसएनएल के दोनों मिलाकर 40 से ज्यादा बीएटएस हैं, मगर 25 से ज्यादा शाम होने के बाद बंद होने की स्थिति में पहुंच जाते हैं.
नहीं होती है प्रोपर मॉनिटरिंग
दुमका एसएसए के अंतर्गत बीएसएनएल के अधिकांश अधिकारी मॉनिटरिंग करने के लिए अपने मुख्यालय में रुकते ही नहीं. मुख्यालय छोटे कर्मियों के भरोसे रह जाता है. यही वजह है कि अधिकांश बीटीएस को संचालित रखने के लिए डीजल या आवश्यक इंधन मिल ही नहीं पाता. विभाग के वरीय पदाधिकारी सावन में देवघर पहुंच कर कई लुभावने घोषणा तो करते हैं. मगर उस पर अमल नहीं होता. जबकि दूसरी अोर निजी कंपनियां बीएसएनएल नेटवर्क के कमजोर होने अौर अपने उपभोक्ता को फायदा पहुंचाने के इरादे से नेटवर्क को दुरूस्त करने में दिन-रात जुटे रहते हैं.
साहिबगंज जिले में पांच दिनों से कटा है अोएफसी
बीते चार-पांच दिनों से साहिबगंज जिले के क्षेत्र में अोएफसी कट जाने से नेटवर्क बाधित है. समस्या के निबटारे को लेकर विभागीय कर्मियों की अोर से काफी मशक्कत की गयी. हालांकि विभाग का दावा है कि बुधवार की शाम भागलपुर रूट से नेटवर्क बहाल कर लाइन चालू कर दिया गया है. वहीं पाकुड़-गोड्डा जिला में नेटवर्क का बुरा हाल है. वहां तो आधे शहर में 24 घंटे नेटवर्क रहता ही नहीं है.
पाकुड़ जिले के 90 फीसदी उपभोक्ताअों ने करवा लिया पोर्ट
90 फीसदी से ज्यादा उपभोक्ताअों ने अपना बीएसएनएल नंबर पोर्ट करवा लिया है या नंबर को स्थायी रूप से बंद करवा दिया है. कुछ यही आलम देवघर व दुमका शहरी सीमा क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद हो जाता है. उपभोक्ताअों को नेटवर्क की समस्या सताने लगती है. इस दौरान लोग चाह कर भी एक दूसरे से न संपर्क कर पाते हैं न अपनी बातों से अवगत ही करा पाते हैं. बाध्य हो कर उपभोक्ता निजी कंपनी के मोबाइल का उपयोग करने को बाध्य होते हैं. दुमका-पाकुड़, दुमका -साहिबगंज हो या गोड्डा से पाकुड़-साहिबगंज के बीच अधिकांश इलाकों में नेटवर्क एक बड़ी समस्या बन गयी है.
संप में उपभोक्ताअों की संख्या घटकर सात हजार तक पहुंच गयी
विभागीय सूत्रों की मानें तो पिछले 13-14 वर्षों में बीएसएनएल मोबाइल उपभोक्ता 50 हजार से घटकर मात्र सात-आठ हजार के करीब पहुंच गया है. जबकि लैंड लाइन उपभोक्ताअों की संख्या 10 हजार से घटकर 500 से 1000 तक पहुंच गयी है. बतातें चलें कि संताल परगना में बीएसएनएल रेलटेल सेवा से नेटवर्क का कनेक्टिवीटि लेती है. जबकि नेटवर्क का सारा काम बीएसएनएल का इटीआर सेक्शन देखता है.
12 वर्षों में 50 हजार से घटकर सात-आठ हजार पर पहुंचा मोबाइल उपभोक्ता की संख्या
लैंड लाइन की संख्या 25-30 हजार से 700 तक पहुंची
साहिबगंज में तीन-चार दिनों से अोएफसी कट गया था. देर शाम भागलपुर रूट से जोड़कर नेटवर्क चालू कराया गया है. बहुत सारे बीटीएस बंद हैं. उसे 24 घंटा चालू करने की योजना बन रही है.
– शशांक रजक, डीई, बीएसएनएल एसएसए, दुमका

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