दशावतार कथा : उज्ज्वल शांडिल्य जी महाराज ने कहा – सागर पार करना है तो करें ईश्वर पर विश्वास

देवघर : यह संसार भव सागर है. इससे पार पाना है तो ईश्वार पर विश्वास करना होगा. उक्त बातें उज्ज्वल शांडिल्य जी महाराज ने कही. वह आर मित्रा इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित दशावतार चरित्र कथा के पांचवें दिन प्रवचन दे रहे थे. उन्होंने ईश्वर पर विश्वास करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि संसार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2018 4:30 AM
देवघर : यह संसार भव सागर है. इससे पार पाना है तो ईश्वार पर विश्वास करना होगा. उक्त बातें उज्ज्वल शांडिल्य जी महाराज ने कही. वह आर मित्रा इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित दशावतार चरित्र कथा के पांचवें दिन प्रवचन दे रहे थे. उन्होंने ईश्वर पर विश्वास करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि संसार पर विश्वास करोगे तो विश्वासघात होगा.
ईश्वर पर विश्वास करोगे तो सब समस्या से पार लग जाओगे. अगर तुम कुआं में भी गिरोगे तो उसके हाथ इतने लंबे हैं कि वह वहां से भी तुम्हें निकाल लेंगे. ज्ञान और प्रेम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ज्ञान में ईश्वर बड़े बन जाते हैं, पर प्रेम में भगवान छोटे बन जाते हैं. कौशल्या जी ने अपने प्रेम से भगवान को बड़ा से छोटा बनाकर अपने आंचल में छिपा लिया.
ज्ञानी में समता होती है, पर प्रेमी में ममता होती है. हम पर ईश्वर की कृपा की वर्षा हो रही है. ईश्वर की कृपा से ही हम कीट-पतंग की योनि से मुक्त होकर मानव योनि में जन्म ले सके हैं. सनातन धर्म को विश्व का सर्वश्रेष्ठ व एकमात्र धर्म बताते हुए कहा कि ईश्वर का अवतार केवल और केवल हमारे हिंदु धर्म में ही होता है.
अवतरति इति अवतार
अर्थात ईश्वर का पिता की कक्षा से उतरकर किसी का पुत्र, सेवक अथवा शिष्य बन जाना ही अवतार है. रामजी जो सबके स्वामी हैं, वे दशरथ के पुत्र बन जाते हैं. कन्हैया जो सबके पिता हैं वे नन्द जी के पुत्र बन जाते हैं. यही अवतारवाद का सिद्धांत है.
महाराजश्री ने शरणागति के छह सिद्धांतों का व्याख्यान करते हुए कहा कि आप संसार और ईश्वर दोनों को एकसाथ प्रेम नहीं कर सकते हैं. या तो आप ईश्वर से प्रेम करें या तो संसार से. संसार से प्रेम करने वाला ईश्वर से प्रेम कैसे करेगा? जहां राम तहं काम नहीं अर्थात जहां संसार की चाहत होती है, वहां भगवान नहीं रह सकते.
कथा सफल बनाने में कृषि मंत्री रणधीर सिंह, विष्णु राय, रणबीर सिंह, संतोष राय, शैलेंद्र पांडव, आनंद दूबे, नीरज सिंह, अंबिका कुमार आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.

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