कहां से पकड़े जायेंगे अपराधी, जब तीसरी नजर ही खराब, शहर के 48 सीसीटीवी एक साल से बंद

देवघर : शहर के चौक-चौराहों सहित भीड़-भाड़ वाले इलाके में लगाये गये दर्जनों सीसीटीवी को देख कर आम शहरी तो इस मुगालते में रह रहे हैं कि कैमरे से उनकी निगहबानी हो रही है. इसकी पोल उस समय खुल जाती है जब बेखौफ अपराधी वारदात को अंजाम देकर निकल जा रहे हैं और पुलिस को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2018 5:35 AM
देवघर : शहर के चौक-चौराहों सहित भीड़-भाड़ वाले इलाके में लगाये गये दर्जनों सीसीटीवी को देख कर आम शहरी तो इस मुगालते में रह रहे हैं कि कैमरे से उनकी निगहबानी हो रही है. इसकी पोल उस समय खुल जाती है जब बेखौफ अपराधी वारदात को अंजाम देकर निकल जा रहे हैं और पुलिस को सुराग तक नहीं मिल पाता है. दरअसल, देवघर शहर में क्राइम कंट्रोल के लिए लगाये गये सभी सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हैं. वहीं सुरक्षा जैसे संवेदनशील मामले में भी जनप्रतिनिधि व अधिकारी लापरवाह बने हैं.
मेंटेनेंस के अभाव में बंद हैं कैमरे : सांसद मद से पूरे शहर में 48 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे, जो करीब एक साल से बंद है. सीसीआर डीएसपी अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि सभी सीसीटीवी कैमरे मेंटेनेंस के अभाव में बंद पड़ गये. पहले कैमरों के मेंटेनेंस के लिए एक कंपनी लगी हुई थी, लेकिन एक साल तक मेंटेनेंस के बाद उसका भुगतान लेने में ही कठिनाई होने लगी.
इसके बाद ही उस कंपनी ने अपना हाथ खींच लिया, तभी से पूरा सिस्टम सीसीआर में बैठ गया. जब सभी कैमरे शहर में चल रहे थे, उस वक्त सीसीआर से कंट्रोल होता था. शहर के प्रमुख प्रवेश व निकास मार्ग समेत विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस बैठे-बैठे निगरानी रखती थी. उक्त् सीसीटीवी कैमरे चलता रहता तो पुलिस को लूट, ठिनतई, गोली कांडों के खुलासे में सहूलियत होती, लेकिन इस तरफ पुलिस, प्रशासन सहित यहां के सांसद विधायक का कोई ध्यान ही नहीं है.
सीसीटीवी कैमरे से हुआ था राजकिशोर हत्याकांड का खुलासा
पुराना कुंडा थाना के पीछे बिहार अंतर्गत खगड़िया निवासी राजकिशोर की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी और हत्यारे स्कॉरपियो से भागे थे. इस मामले के खुलासे में पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की मदद ली थी. सीसीटीवी कैमरे से अपराधियों व स्कॉरपियो के नंबर की जानकारी पुलिस को मिली थी. इसके बाद ही देवघर पुलिस की छापेमारी टीम ने स्कॉरपियो खगड़िया से जब्त कर लाया था व अपराधियों को दबोचने के लिए मधेपुरा में छापेमारी की थी.
प्राइवेट कंपनी द्वारा लगाये गये 36 कैमरे नहीं हुए चालू
फरवरी 2018 में एक प्राइवेट कंपनी द्वारा शहर के चौक-चौराहों पर 36 सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम शुरू हुआ था. उक्त प्राइवेट कंपनी द्वारा टावर चौक सहित अस्पताल गेट, राय एंड कंपनी मोड़, प्राइवेट बस स्टैंड के समीप, बाजला चौक, कुंडा मोड़, सत्संग चौक, रांगा मोड़, बैजनाथपुर मोड़ के अलावा अन्य चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे का टावर खड़ा कर कैमरे भी लगा दिये गये.
ट्रायल के तौर पर कैमरा चालू भी हुआ, लेकिन निगम के टैक्स के पेंच में फंस कर स्थायी रूप से उसके चालू होने में बाधा बन गयी. उक्त टावर पर कंपनी का विज्ञापन बोर्ड रहता और कंपनी ही उसमें लगे सीसीटीवी कैमरे का मेंटेनेंस कराती.
शहर में सीसीटीवी को नियमित रूप से मेंटेनेंस करने की व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी चाहिए. कोई भी सुविधा जनता के लिए दी जाती है, तो इसमें प्रशासन को मॉनिटरिंग करनी चाहिए. देवघर में करोड़ों की संख्या श्रद्धालु आते हैं व शहर में लगातार वारदातों हो रही है. ऐसी परिस्थिति में सीसीटीवी पुलिस के लिए सहारा बन सकती है.
प्रशासन को सीसीटीवी का मेंटेनेंस का जिम्मा संबंधित कंपनी को ही दे देना चाहिए, ताकि कैमरा की खराबी या अन्य शिकायतें आती है तो कंपनी ही जिम्मेवार होगी. प्रशासन सुरक्षा को देखते हुए इसे गंभीरता लें.
– डॉ निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा

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