सुरक्षा को लेकर अब तक नहीं बनी रणनीति

देवघर: 13 जुलाई से आरंभ होने वाली श्रावणी मेला 2014 के महज तीन सप्ताह शेष बचे हैं. अब तक सुरक्षा को लेकर कोई उच्चस्तरीय बैठक नहीं हुई है. वहीं अंतरप्रांतीय पुलिस अधिकारियों के साथ भी कोई संपर्क नहीं हो सका है. जबकि हर साल श्रावणी मेला के पूर्व डीजीपी यहां पहुंचते थे. सुरक्षा को लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2014 11:14 AM

देवघर: 13 जुलाई से आरंभ होने वाली श्रावणी मेला 2014 के महज तीन सप्ताह शेष बचे हैं. अब तक सुरक्षा को लेकर कोई उच्चस्तरीय बैठक नहीं हुई है. वहीं अंतरप्रांतीय पुलिस अधिकारियों के साथ भी कोई संपर्क नहीं हो सका है.

जबकि हर साल श्रावणी मेला के पूर्व डीजीपी यहां पहुंचते थे. सुरक्षा को लेकर वे जायजा लेते थे. देवघर में ही प्रमंडलीय अधिकारियों समेत देवघर व दुमका जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी देते थे. इसके अलावे प्रमंडलीय पुलिस अधिकारी बिहार के सीमावर्ती जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ यहां अंतरप्रांतीय बैठक करते थे.

दो राज्यों का है मेला
श्रावणी मेला विश्व की सबसे लंबी दूरी का मेला है. यह मेला दो राज्य झारखंड व बिहार के पांच जिले तक फैला हुआ है. बिहार के भागलपुर जिले से प्रारंभ होकर मेला का इलाका मुंगेर व बांका जिले तक फैला है. वहीं झारखंड के देवघर व दुमका जिले के बासुकिनाथ तक मेला रहता है.

2013 में मंगाया गया था एनडीआरएफ व 6000 पुलिस
श्रावणी मेला 2013 में एनडीआरएफ का एक बटालियन सहित राज्यभर के 6000 पुलिस को व्यवस्था में लगाया गया था. मेला व्यवस्था के लिये करीब 40 डीएसपी, इंस्पेक्टर-एसआइ व एएसआइ स्तर के 300 अधिकारी समेत कई जिले के जवानों को डय़ूटी पर प्रतिनियुक्ति की गयी थी. वहीं श्वान दस्ता, बम निरोधी दस्ता भी मंगाये गये थे.

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