बर्न वार्ड फुल, दूसरे वार्ड में शिफ्ट किये जा रहे मरीज, इन्फेक्शन का खतरा, दो साल बाद भी नये बर्न वार्ड में अलाज नहीं हुआ चालू
देवघर: सदर अस्पताल में नया बर्न वार्ड बनकर तैयार है. इसके बाद भी प्रबंधन की लापरवाही के कारण इसे शिफ्ट नहीं किया गया है. जिस कारण पुराने वार्ड में भर्ती हुए मरीजों को परेशानी हो रही है. सदर अस्पताल के बर्न वार्ड के सभी बेड बीते एक सप्ताह से मरीजों से भरे पड़े हैं. एेसे […]
देवघर: सदर अस्पताल में नया बर्न वार्ड बनकर तैयार है. इसके बाद भी प्रबंधन की लापरवाही के कारण इसे शिफ्ट नहीं किया गया है. जिस कारण पुराने वार्ड में भर्ती हुए मरीजों को परेशानी हो रही है. सदर अस्पताल के बर्न वार्ड के सभी बेड बीते एक सप्ताह से मरीजों से भरे पड़े हैं. एेसे में आग से झुलसे हुए मरीज के अस्पताल पहुंचने पर उन्हें इमरजेंसी, महिला या फिर पुरुष वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है.
मंगलवार तक तीन मरीज को बर्न वार्ड के अलावा महिला और पुरुष वार्ड में शिफ्ट किया जा चुका है. इससे अन्य मरीजों को भी परेशानी हो सकती है. वहीं इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ सकता है.
एक कमरे में चल रहा बर्न वार्ड
सदर अस्पताल में मात्र एक कमरे में बर्न वार्ड बनाया गया है. जबकि बर्न वार्ड के लिए अलग से करीब दो साल पहले अस्पताल गेट के समीप नया बर्न वार्ड बनकर तैयार है. लेकिन अब- तक इसे नये बर्न वार्ड को चालू नहीं किया गया है. जबकि निरीक्षण के दौरान डीसी भी नये बर्न वार्ड को चालू करने का निर्देश दे चुके हैं. वर्तमान में सदर अस्पताल के बर्न वार्ड में आठ बेड लगे हुए हैं.
जिसमें महिला समेत आग से झुलसे पुरुष मरीज भर्ती हैं. जिसमें चांदनी देवी(25) देवघर, लेबरी मरांडी (30) जमुआ देवघर, अर्जुन ठाकुर (60) जमुआ देवघर, समीर किस्कू (30) देवघर, शाहिबा (45) हिरणा देवघर, उदेश्वर साह (60) चांदडीह देवघर, कालीव देवी (50) सारठ, कौशल्या देवी (50) सिमरा मोड़ सारठ शामिल हैं.
मंगलवार की शाम तक बर्न वार्ड पूरी तरह से मरीजों से हाउसफुल हो गया था. इसके अलावा बिनोद कुमार यादव (30) प्रेम नगर कटोरीया बांका, आशो देवी (30) देवीपुर, सुलेखा देवी चंद्रमनडीह को दूसरे वार्ड में रखा गया है. वहीं मरीजों के साथ बर्न वार्ड तथा अन्य वार्ड में मरीजों के साथ उनके परिजन भी देख-रेख के लिए रह रहे है. इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है.
कहते हैं अधिकारी
बर्न वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. इसकी जानकारी मिली है. यदि आग से झुलसे मरीज आते है तो उनको भर्ती करने के लिए व्यवस्था है. अस्पताल परिसर का ऊपरी तल का वार्ड खाली है. उसमें मरीजों को भर्ती किया जायेगा. मरीजों का समुचित इलाज करना प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी है.
डॉ कृष्ण कुमार, सिविल सर्जन देवघर
रात में मरीजों को खिलायी जा रही थी खिचड़ी
देवघर : एसडीओ विशाल सागर व प्रशिक्षु आइएएस हेमंत सती सोमवार रात में सदर अस्पताल का निरीक्षण किया. इस दौरान दोनों अधिकारियों ने वार्ड के मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. मरीजों ने अधिकारियों को बताया कि रात में उनलोगों को कई दिनों से खिचड़ी दी जा रही है.
इसके बाद तत्काल अधिकारियों ने रसोइये को बुलाकर पूछताछ की. इसमें पता चला कि दो माह से मरीजों को वे लोग रात का भोजन खिचड़ी दे रहे हैं. रसोइये को निर्देश दिया गया कि रात में आम मरीजों को रोटी, सब्जी व दूध खिलायें.
प्रसव के जिन मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर खिचड़ी खिलाना है, उसे ही रात को खिचड़ी दें. दोनों अधिकारियों ने दवा स्टॉक की भी जांच की. वहीं पर्याप्त संख्या में डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी व एएनएम को ड्यूटी पर रहने का निर्देश दिया. ठंड को लेकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली. इसके बाद दोनों अधिकारी ब्लड बैंक भी निरीक्षण के लिए पहुंचे.
असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगाने की शिकायत पर पहुंचे ब्लड बैंक
एसडीओ विशाल सागर ने पुराना अस्पताल स्थित ब्लड बैंक का निरीक्षण किया. इस दौरान ब्लड की स्थिति से अवगत हुए. नववर्ष को देखते हुए ब्लड बैंक के कर्मियों से ब्लड की अद्यतन स्थिति तथा दवा की स्थिति के बारे में जानकारी ली.
उन्होंने सफाई का जायजा लिया. इसके बाद रजिस्टर से मिलान किया. कर्मियों को डाॅक्टर, नर्स व जरूरी कर्मियों का नंबर रखने सहित आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये. इस संबंध में एसडीओ ने बताया कि ब्लड बैंक परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगाने की शिकायत मिली थी.
इसी को ध्यान में रखते हुए निरीक्षण के लिए गये थे. इस दौरान ब्लड बैंक से संबंधित दवा, कर्मी व सफाई आदि का भी जायजा लिया गया. नववर्ष को देखते हुए कर्मियों को आपात स्थिति से निबटाने के लिए तैयारी रखने का निर्देश दिया गया. एसडीओ के साथ प्रशिक्षु आइएएस हेमंत सती मौजूद थे.