मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे बैंककर्मी, बैंकिंग कार्य रहे प्रभावित, देवघर में 175 करोड़ के कारोबार पर असर
देवघर : यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान बुधवार को देवघर के सभी बैंकों के कर्मचारी एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल पर रहे. देवघर जिले में 175 करोड़ रूपये का बैंकिंग ट्रांजेक्शन नहीं हो सका. जबकि, बैंक कर्मचारी बैंकों के विलय का विरोध और लंबित वेज रिवीजन की मांग करते हुए अपनी-अपनी शाखाअों […]

देवघर : यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान बुधवार को देवघर के सभी बैंकों के कर्मचारी एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल पर रहे. देवघर जिले में 175 करोड़ रूपये का बैंकिंग ट्रांजेक्शन नहीं हो सका. जबकि, बैंक कर्मचारी बैंकों के विलय का विरोध और लंबित वेज रिवीजन की मांग करते हुए अपनी-अपनी शाखाअों के समक्ष इकट्ठे होकर केंद्र सरकार की बैंकिंग नीति का विरोध किये.
एसबीआइ जोन ऑफिस, बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी व इलाहाबाद बैंक जोनल ऑफिस के समक्ष बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया. एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन, देवघर अंचल के अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद साह ने कहा कि भारत सरकार विजया व देना बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने की योजना बनाकर अपनी कमजोरियों पर से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.
सरकार को एनपीए खाते वाले ग्राहकों से वसूली करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कड़े कदम उठाने चाहिये. लेकिन, सरकार हम कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर तूली हुई है. यह न तो बैंक के हित में और ही ग्राहकों के हित में.
अगर सरकार ने हमारी मांगे पूरी नहीं की, तो चरणबद्ध आंदोलन शुरू हो जायेगा. बैंक ऑफ इंडिया के समक्ष यूएफबीयू के जिला संयोजक उमेश कुमार ने सरकार का यह कदम बैंककर्मियों पर कुठाराघात बताया. कर्मचारियों की भी छंटनी की संभावनाएं प्रबल हो जायेंगी. एआइबीइए यूनियन के बैनर तले बैंक कर्मियों ने प्रदर्शन किया. उपमहासचिव विजय कुमार मंडल ने कहा कि सरकार को बैंकों के विलय निर्णय वापस लेना होगा. साथ ही 11वें वेतनमान समझौते को लागू करना होगा.