डंपिंग ग्राउंड, पार्किग, ड्रेनेज सिस्टम व सफाई बना सपना

देवघर: देवघर नगर निगम के गठन का आज चार वर्ष पूरा हो गया. लेकिन, देवघर के सौंदर्यीकरण एवं चहुंमुखी विकास के लिए मास्टर प्लान अब भी सपना बना हुआ है. देवघर नगर निगम में चार वर्ष यानि कुल अड़तालीस महीने में करीब डेढ़ दर्जन बार बैठक हुई. नगर निगम क्षेत्र (नये जोड़े गये 44 गांव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2014 10:03 AM

देवघर: देवघर नगर निगम के गठन का आज चार वर्ष पूरा हो गया. लेकिन, देवघर के सौंदर्यीकरण एवं चहुंमुखी विकास के लिए मास्टर प्लान अब भी सपना बना हुआ है. देवघर नगर निगम में चार वर्ष यानि कुल अड़तालीस महीने में करीब डेढ़ दर्जन बार बैठक हुई.

नगर निगम क्षेत्र (नये जोड़े गये 44 गांव सहित) के विकास, नागरिकीय सुविधा बहाल करने एवं राजस्व में वृद्धि के लिए सैकड़ों प्रस्ताव पारित किया गया.

बावजूद विडंबना है कि कूड़ा-कचरा डंप करने के लिए डंपिंग ग्राउंड, छोटे-बड़े वाहनों की पार्किग के लिए स्थल का चयन, छोटे-बड़े नालियों को क्लियर रखने के लिए ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के साथ-साथ मुकम्मल साफ-सफाई व्यवस्था अब भी सपना बना हुआ है. नतीजा देवघर निगम क्षेत्र के लोग बुनियादी सुविधाओं से महरूम है. डंपिंग ग्राउंड के अभाव में कूड़ा-कचरा का नियमित उठाव नहीं होता है. हल्की बारिश में नाला जाम एवं सड़कों पर गंदे पानी का बहाव, पार्किग की सुविधा नहीं होने की वजह से सड़कों के किनारे वाहनों की लंबी कतार और ट्रैफिक जाम की समस्या रोजमर्रा की बात हो गयी है.

वर्ष 2010 में लिये गये प्रस्ताव पर अब भी हो रहा है विचार
देवघर नगर निगम में 29.09.2010 को आयोजित दूसरे सामान्य बोर्ड की बैठक में आय बढ़ाने पर विचार-विमर्श के साथ प्रस्ताव लिये गये थे. इसमें नगर निगम के सभी अचल संपत्तियों को जो जिला प्रशासन अथवा लॉजिंग हाउस कमेटी के अधीन है. वापस निगम के नियंत्रण में लाने एवं तत्काल जिला प्रशासन एवं लॉजिंग हाउस कमेटी को पत्र भेजने का निर्देश दिया गया था. लेकिन, लिये गये प्रस्ताव को आज तक धरातल पर नहीं उतारा गया है. बीते 17 जून 14 को निगम में आयोजित संपूर्ण बोर्ड की बैठक में पुन: इस एजेंडा पर विचार-विमर्श किया गया. इसी बैठक में देवघर के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने पर विचार-विमर्श किया गया. जबकि मास्टर प्लान का डीपीआर पूर्व में ही भेजा जा चुका है. आखिर लिये गये प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने का औचित्य लोगों की समझ से परे हैं.

..जो धरातल पर नहीं उतारा जा सका

देवघर के सौंदर्यीकरण के लिए सीटी प्लान तैयार करना

गरीब लोगों के लिए राजीव आवास योजना के तहत पक्का मकान उपलब्घ कराना

निगम के अधीन होटलों को फाइव स्टार के रूप में विकसित करना

आवश्यकता अनुसार निगम क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना

निगम की अचल संपत्तियों को अपने अधीन करना

राजस्व बढ़ाने के लिए कॉमर्शियल भवनों का नये सिरे से टैक्स का निर्धारण

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