तकनीकी शिक्षा में निवेश करे झारखंड सरकार

देवघर: संताल परगना में तकनीकी शिक्षा के अभाव के कारण इस क्षेत्र के छात्र-छात्रओं को पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता है. तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कैरियर बनाने को लेकर छात्र-छात्रा समय पर निर्णय नहीं ले पाते हैं. इसके लिए एक्सपर्ट की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है. प्रभात खबर कार्यालय में बुधवार को देवघर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2014 10:04 AM

देवघर: संताल परगना में तकनीकी शिक्षा के अभाव के कारण इस क्षेत्र के छात्र-छात्रओं को पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता है. तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कैरियर बनाने को लेकर छात्र-छात्रा समय पर निर्णय नहीं ले पाते हैं.

इसके लिए एक्सपर्ट की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है. प्रभात खबर कार्यालय में बुधवार को देवघर के रहने वाले गुरुनानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज (लुधियाना) के सिविल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डा जगदानंद झा उपस्थित हुए. इस दौरान डा झा ने छात्र-छात्रएं को दूरभाष पर कैरियर संबंधित सवालों का उत्तर दिये. डा झा ने कहा कि देश में 171 जिले शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा है.

उसमें झारखंड के 12 जिले हैं. इन 12 जिलों में संताल परगना को दुमका, गोड्डा व पाकुड़ शामिल है. झारखंड सरकार के पास एकमात्र तकनीकी शिक्षा का कॉलेज बीआइटी सिंदरी है. झारखंड मिनरल स्टेट है. यहां मानव संसाधन के विकास के लिए बड़े स्तर पर तकनीकी विकास करने की जरुरत है. पानी, जमीन, खनिज व वाटर हार्वेस्टिंग पर कार्य करने के लिए अधिक से अधिक युवाओं में तकनीकी विकास करने की आवश्यकता है.

शिक्षा के अभाव में आदिवासी छात्र-छात्रओं में विज्ञान की जानकारी बेहद कम है. झारखंड सरकार को बड़े पैमाने पर तकनीकी शिक्षा में निवेश करने की आवश्यकता है, चूंकि प्राइवेट स्तर पर तकनीकी शिक्षा लेना संताल परगना समेत झारखंड के छात्रों के समक्ष आर्थिक समस्या है. दुमका में पीपीपी मोड पर इंजीनियरिंग कॉलेज खुला, लेकिन एक भी नामांकन तक नहीं हुआ. राज्य सरकार को खुद आइटीआइ कॉलेज से लेकर आइआइटी कॉलेज में निवेश करना होगा. इसमें राजनीतिक इच्छा शक्ति दिखानी होगी. सरकार को एक बेहतर वीजन के साथ आगे आना होगा.

सवाल : दसवीं में 8.6 सीजीपीए के साथ सफल हुए हैं. आगे पॉलिटेक्निक करना चाहते हैं.

शिवम कश्यप, बरमसिया

जवाब : झारखंड पॉलिटेक्निक के संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार का इंजीनियरिंग कॉलेज एसएलआइइटी(पंजाब) व एनइआरआइइटी की प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं.

सवाल : इंटर में 61 फीसदी अंक प्राप्त हुआ है. जेइ मेंस परीक्षा में सफल नहीं हो पाये. क्या प्राइवेट कॉलेज में नामांकन कराना ठीक रहेगा.

मनोज कुमार, हनुमान टिकरी

जवाब : प्राइवेट कॉलेज में जाने के लिए फैकल्टी, शुल्क कॉलेज के स्तर का पता स्वयं कर लें. केवल वेबसाइट देखकर नामांकन नहीं करायें. कैंपस सेलेक्शन में बड़ी कंपनियां दसवीं व 12वीं का भी मार्क्‍स देखती है.

सवाल : मैट्रिक पास हैं. साइंस से पढ़ाई करना चाहते हैं. हिंदी अथवा अंग्रेजी में कौन सी भाषा लेकर पढ़ाई करना उचित रहेगा.

मिथिलेश रवानी, मानपुर

जवाब : देश में सभी भाषा में पढ़ाई होती है. हिंदी अथवा अंग्रेजी कोई भी भाषा से आप पढ़ाई कर सकते हैं. इसके लिए कंस्पेप्ट क्लियर रखना होगा.

सवाल : आइकॉम 45.6 अंक से पास हैं. आगे क्या करें.

अमन कुमार विश्वकर्मा, मधुपुर

जवाब : आप पहले तो बी कॉम की पढ़ाई पूरी कर लें. उसके बाद बैंक पीओ व सीए की तैयारी करें.

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