देवघर : बसंत पंचमी को तिलकोत्सव पर होगी बाबा की पंचोपचार विधि से पूजा
देवघर : महाशिवरात्रि चार मार्च को है. इस दिन बाबा भोलेनाथ की पार्वती के साथ शादी होगी. इससे पहले माघ मास शुक्ल पक्ष रविवार पंचमी को बाबा का तिलकोत्सव होगा. इस अवसर पर बाबा पर अबीर-गुलाल चढ़ाया जायेगा. यह अबीर-गुलाल बसंत पंचमी से शुरू होकर फाल्गुन पूर्णिमा तक प्रतिदिन बाबा पर चढ़ेगा. बाबा पर तिलक […]
देवघर : महाशिवरात्रि चार मार्च को है. इस दिन बाबा भोलेनाथ की पार्वती के साथ शादी होगी. इससे पहले माघ मास शुक्ल पक्ष रविवार पंचमी को बाबा का तिलकोत्सव होगा. इस अवसर पर बाबा पर अबीर-गुलाल चढ़ाया जायेगा. यह अबीर-गुलाल बसंत पंचमी से शुरू होकर फाल्गुन पूर्णिमा तक प्रतिदिन बाबा पर चढ़ेगा.
बाबा पर तिलक चढ़ाने के लिए मिथिलांचल के भक्त आने लगे हैं. इससे बाबा नगरी के बिलासी, रघुनाथ रोड, पं बीएन झा पथ, शिवगंगा, बैद्यनाथ लेन, झौंसागढ़ी, भूरभूरा मोड़ आदि भक्तों से पटा हुआ है. इसे लेकर बाबा मंदिर प्रशासन अभी से तैयारी से जुट गया है. बसंत पंचमी के दिन बाबा मंदिर का पट सुबह चार बजे खुलेगा. साथ ही दिन के चार बजे तक पट खुला रहेगा.
इससे दिन के चार बजे तक भक्त बाबा पर जलार्पण कर सकेंगे. 10 फरवरी को तिलकोत्सव पर बाबा बैद्यनाथ की विशेष पूजा की जायेगी. इस दिन सुबह की पूजा सरदार पंडा करेंगे. बाबा पर अबीर व आम्रमंजर चढ़ायेंगे, जबकि शाम में बाबा की मुख्य पूजा तिलकोत्सव पूजा की जायेगी. यह पूजा लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में होगी.
इसमें आचार्य श्रीनाथ पंडित, पुजारी सुनील तनपुरिये व मंदिर उपचारक भक्तिनाथ फलाहारी पंचोपचार विधि से पूजा करेंगे. बाबा को आम्र मंजर, अबीर, पंचमेवा, फलमूल चढ़ायेंगे. उन्हें मालपुआ अर्पित करेंगे. इसके साथ ही बाबा मंदिर परिसर स्थित सभी 22 मंदिरों में विशेष भोग मालपुआ चढ़ाया जायेगा. इसके उपरांत बाबा का श्रृंगार पूजा पुन: शुरू किया जायेगा.
बसंत पंचमी से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक चढ़ेगा श्रृंगार पूजा में अबीर-गुलाल
- शाम चार बजे तक होगा बाबा पर जलार्पण
- साढ़े छह बजे श्रृंगार पूजा के लिए खुलेगा पट
- लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में तिलकोत्सव पूजा
- मंदिर इस्टेट की ओर से आचार्य श्रीनाथ पंडित, पुजारी सुनिल तनपुरिये एवं उपचारक भक्ति नाथ फलाहरी करेंगे पूजा
- पंचोपचार विधि से होगी बाबा की पूजा
- मालपुआ लगेगा विशेष भोग
- इसके बाद बाबा का श्रृंगार पूजा शुरू
- सभी 22 मंदिरों में मालपुआ लगेगा विशेष भोग