सर्वे के बाद मिला जमीन का पट्टा

मधुपुर: स्थानीय कोर्ट परिसर में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा की बैठक छत्तीस टुडू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में 30 जून को जिला मुख्यालय में आदिवासियों के विभिन्न समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन पर चर्चा की गयी. मौके पर आदिवासी महासभा के कोषाध्यक्ष पशुपति कोल ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत देवघर जिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:45 PM

मधुपुर: स्थानीय कोर्ट परिसर में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा की बैठक छत्तीस टुडू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में 30 जून को जिला मुख्यालय में आदिवासियों के विभिन्न समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन पर चर्चा की गयी.

मौके पर आदिवासी महासभा के कोषाध्यक्ष पशुपति कोल ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत देवघर जिला अंतर्गत सभी आदिवासियों को वन भूमि में पट्टा सरकार नहीं के बराबर मिला. संघ ने मांग करते हुए कहा कि आदिवासी को जमीन का पट्टा पुन: सर्वे करा कर दिया जाय. विकास का पैसा आदिवासियों को दिया जाय.

पेशा कानून के तहत देवघर अनुसूचित क्षेत्र हो घोषित
पेशा कानून के तहत देवघर जिला को भी छठी अनुसूचित क्षेत्र का दरजा दिया जाय. आदिवासी क्षेत्रों में मादक पदार्थो पर रोक लगाने की बात कही गयी.

ग्राम सभा को पूर्ण शक्ति सरकार दिया जाये. बीपीएल सर्वे में आदिवासियों का नाम हटा दिया गया है. इसे दुरुस्त कर आदिवासियों का नाम जोड़ा जाय. विस्थापन के नाम पर आदिवासियों का कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण करना बंद करे. यदि उक्त मांगों को सरकार नहीं मानती है तो संघ द्वारा जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन होगा.

ये भी थे मौजूद
बैठक में सेलिस्टीना सोरेन, छोटू किस्कू, पवन कोल, गेना हांसदा, हाकिम मरांडी, सिकंदर टुडू, कामदेव किस्कू आदि मौजूद थे.

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