देवघर: जसीडीह डाबर ग्राम पुलिस लाइन कॉलोनी में हुई दो छात्राओं के साथ रेप व हत्या के मामले में सीआइडी की फॉरेंसिंक जांच टीम ने पुष्टि की है कि दोनों ही नाबालिग छात्रा के साथ गैंग रेप हुआ है.
दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जब्त नमूने, फिंगर प्रिंट आदि से फॉरेसिंक टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि पहले छात्रा के साथ जोर जबरदस्ती हुई है, उसके बाद दोनों की हत्या कर दी गयी. उधर, यह मामला काफी गरमाता जा रहा है. मामला डीजीपी तक पहुंच चुका है. पुलिस की पांच टीमें बनी है, जो अलग-अलग बिंदुओं पर जांच कर रही है.
इस मामले का उद्भेदन करना पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रही है. इसलिए डीजीपी राजीव कुमार ने स्पष्ट कहा है कि देवघर एसआरइ जिला घोषित है, इसलिए पुलिस के पास फंड की कमी नहीं है. इस केस के अपराधी को पकड़ने के लिए किसी भी तरह की जांच करवायें. चाहे जितनी राशि खर्च हो, करें लेकिन आरोपित पकड़ा जाये. जरूरत पड़े तो इस घटना का सुराग देने वाले के लिए इनाम की भी घोषणा पुलिस कर सकती है.
पुलिस लाइन के नजदीक झाड़ी बना घटना स्थल
पुलिसिया अनुसंधान में घटना स्थल तलाशने में पुलिस को नौ दिन लग गये. अंतत: यह साफ हो गया है कि पुलिस लाइन के नजदीक जो झाड़ी है वही घटना स्थल है. इस स्थान पर कुछ ऐसे नमूने मिले हैं जो जोर-जबरदस्ती को प्रमाणित करते हैं.
इसलिए गैंग रेप इसी झाड़ी के पास हुआ है ऐसा कहा जा रहा है. घटना स्थल पर मिले खून के निशान की भी जांच हो गयी है. यह मानव रक्त है. लेकिन अभी पुलिस यह पता नहीं लगा पायी है कि रक्त उक्त दोनों लड़की में से किसी का है या जोर-जबरदस्ती के दौरान कोई और भी घायल हुआ, जो फरार है. पुलिस इस दिशा में भी अनुसंधान कर रही है.
ट्रैक के उस पार के सोहदों पर भी शक की सूई
पुलिसिया अनुसंधान में यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि दोनों लड़की का ट्रैक के आस-पास अपहरण किया गया. अपहरण के बाद दोनों के साथ गैंग रेप हुआ है. जोर जबरदस्ती के दौरान दोनों लड़कियों को चोटें आयी. परिस्थितिजनक साक्ष्य यह बता रहे हैं कि गैंग रेप करने वालों ने साक्ष्य छिपाने के लिए दोनों को मारकर तालाब में फेंक दिया गया. ट्रैक के उस पार के सोहदों पर भी पुलिस की शक की सूई घूम रही है.
110 के अलावा कमरा नंबर 106 की भी होगी तलाशी
पुलिस को शक है कि कई दिनों से कमरा नंबर 106 बंद है. इसलिए पुलिस 106 नंबर कमरे की तलाशी लेगी. तलाशी लेने के लिए पुलिस ने उस पुलिस कर्मी को बुलाया है जिसके नाम से यह क्वाटर अलॉट है. पुलिस को शक है कि इस कमरे से कुछ अहम सुराग हाथ लग सकते हैं.
आक्रोश भड़काने व जांच को मोड़ने के मामले में एसडीपीओ हुए सस्पेंड उधर, पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसडीपीओ प्रमोद कुमार साह का रोल इस घटना में पुलिसिया आचरण के विरुद्ध रहा. उन्हें आक्रोश भड़काने और जांच की दिशा मोड़ने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.