संताल परगना में सॉफ्टवेयर नहीं कर रहा काम, जमाई के नाम से जमीन रजिस्ट्री का विकल्प नहीं

देवघर :जमीन की रजिस्ट्री का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए निबंधन विभाग की ओर से लांच किया गया नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम(एनजीडीआरएस) सॉफ्टवेयर संताल परगना में काम नहीं कर रहा है. इस नये सॉफ्टवेयर में जमाई के नाम से डीड का ऑप्शन नहीं दिया गया है. जिस कारण जमाई (दामाद) के नाम से जमीन की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2019 6:03 AM

देवघर :जमीन की रजिस्ट्री का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए निबंधन विभाग की ओर से लांच किया गया नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम(एनजीडीआरएस) सॉफ्टवेयर संताल परगना में काम नहीं कर रहा है.

इस नये सॉफ्टवेयर में जमाई के नाम से डीड का ऑप्शन नहीं दिया गया है. जिस कारण जमाई (दामाद) के नाम से जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है.
कंप्यूटर के इस नये सिस्टम ने पूरे संताल परगना में दामाद के नाम से जमीन ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को ही रोक लगा दी है. मैन्युअल सिस्टम में अगर कोई व्यक्ति अपने दामाद के नाम से जमीन ट्रांसफर करना चाहते थे तो डीड राइटर्स द्वारा एक जमाई डीड तैयार कर रजिस्ट्री ऑफिस में आवेदन दी जाती थी.
जांच-पड़ताल कर सब रजिस्ट्रार जमीन के ट्रांसफर को मंजूरी देते थे. लेकिन, एनजीडीआरएस सॉफ्टवेयर में जमाई के नाम से जमीन ट्रांसफर करने के लिए जैसे ही ऑनलाइन आवेदन देते हैं तो अन्य सारे ऑप्शन छोड़कर जमाई डीड का ऑप्शन ही नहीं आ रहा है. ऐसी परिस्थिति में अधूरे सॉफ्टवेयर पर काम चालू नहीं हो पा रहा है, सब रजिस्ट्रार ने इस तकनीकी समस्या से अपने विभाग के वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया है.
जमाई के नाम से जमीन ट्रांसफर करने के लिए विभाग जमाई डीड का ऑप्शन तैयार करने में जुटी है. सब रजिस्ट्रार राहुल कुमार चौबे ने बताया कि दो-तीन दिनों में जमाई डीड की तकनीकी समस्या का हल निकाल लिया जायेगा, विभाग के एक्सपर्ट काम कर रहे हैं.
क्या है एनजीडीआरएस
निबंधन विभाग ने जिले भर की ऐसी जमीन का ब्योरा तैयार किया है, जिसकी रजिस्ट्री नहीं हो सकती है. एनजीडीआरएस नामक इस सॉफ्टवेर में देवघर, मोहनपुर, सारवां, सारठ, पालोजोरी, देवीपुर, मधुपुर, मागोमुंडा, सोनारायठाढ़ी व करौं अंचल के गैर मजरुआ, सरकारी, खास, गोचर, जंगल-झाड़ी, परती कदीम, रास्ता, नाला, बांध, जोरिया आदि जमीन का जमाबंदी नंबर व दाग नंबर की इंट्री की गयी है. अगर कोई व्यक्ति नन ट्रांसफरेबुल जमीन का फर्जीवाड़ा कर ट्रांसफरेबुल जमीन का दस्तावेज सॉफ्टवेयर में डालता है तो सॉफ्टवेयर को पता चल जायेगा कि यह जमीन फर्जी है.

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