देवघर: झारखंड में 40 प्रतिशत खनिज संसाधन है. लेकिन खनिज के मामले में धनी होने के बाद भी यहां के लोग गरीब हैं, पिछड़े हैं. यहां की साक्षरता दर कम है, स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम है. यहां के अधिकांश जिले नक्सल प्रभावित हैं.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था का अभाव है. इसलिए संतालपरगना जैसे पिछड़े इलाके में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना होनी चाहिए. इसके लिए दुमका जिले का हंसडीहा बेहतर स्थल है. उक्त मामला गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में रूल 377 के तहत उठाया.
उन्होंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी के अलावा संतालपरगना में ही एम्स की स्थापना की बात संसद में रखी. उन्होंने कहा कि संतालपरगना में किसी भी तरह की बेहतर मेडिकल सुविधा नहीं है. यहां के 75} बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और अधिकांश संख्या में माताएं एनिमिक हैं. इसलिए संतालपरगना स्थित देवघर जिले में एम्स की स्थापना की जाय. क्योंकि यह हर दृष्टि से बेहतर स्थान है. देवघर स्थित देवीपुर इलाके में एम्स के लए 200 एकड़ जमीन उपलब्ध है. यह नेशनल हाइ-वे, कोलकाता-पटना मेन रेल लाइन रूट पर अवस्थित है. इसलिए एम्स देवघर में ही खोला जाये.