देवघर : मेधावी बेटे का एडमिशन कराने के लिए नहीं हैं पैसे
जेइइ-मेंस में 2605वां रैंक के आधार पर एनआइटी जमशेदपुर कॉलेज में चयन, लेकिन 75 फीसदी अंक के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा एएस कॉलेज देवघर से उत्तीर्ण की रांची/देवघर : मेहनत से मिली सफलता के बाद अगर मुकाम हासिल करने में पैसे की कमी से अड़चन आये, तो सपने भी तिनके की तरह बिखरने लगते हैं. […]
जेइइ-मेंस में 2605वां रैंक के आधार पर एनआइटी जमशेदपुर कॉलेज में चयन, लेकिन
75 फीसदी अंक के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा एएस कॉलेज देवघर से उत्तीर्ण की
रांची/देवघर : मेहनत से मिली सफलता के बाद अगर मुकाम हासिल करने में पैसे की कमी से अड़चन आये, तो सपने भी तिनके की तरह बिखरने लगते हैं.
कुछ ऐसा ही हाल मधुपुर के मारगोमुंडा प्रखंड अंतर्गत संताली मधुपुर के रहनेवाले चांद किशोर टुडू का है. दिनभर दिहाड़ी मजदूरी करनेवाले रंजीत टुडू ने बेटे को पढ़ाने के लिए जी जान लगा दी. बेटे चांद किशोर को पढ़ाया तो उसने भी पिता की उम्मीदों को टूटने नहीं दिया. जेइइ-मेंस में कैटेगरी रैंक 2605 लाने के बाद जहां चांद किशोर की खुशी का ठिकाना नहीं था, वहीं पिता भी गर्व से फूले नहीं समा रहे थे.
उन्हें लगने लगा कि अब उनका बेटा कुछ बनकर गरीबी दूर करेगा. रैंक के आधार पर सेकेंड राउंड की काउंसेलिंग में एनआइटी जमशेदपुर कॉलेज भी मिल गया. लेकिन, दाखिले की दौड़ में पैसे की कमी के कारण वह पीछे रह गया. अब चांद किशोर के सपने को उड़ान देने में उसके पिता की गरीबी बाधक बन रही है.
अब पिता इसी उम्मीद में हैं कि कोई उनके होनहार बेटे की प्रतिभा को निखारने में मदद करे. मां सोनदोरी मुर्मू गृहिणी हैं. चांद किशोर टुडू ने बताया कि उसने मैट्रिक संत मेरी हाइस्कूल खोरीमहुआ गिरिडीह से पास करने के बाद इंजीनियरिंग करने का लक्ष्य बनाया और देवघर आया.
आगे पढ़ाई के िलए पैसे चाहिए
देवघर में तंगी के बाद भी मणिकांत पाठक सर ने पढ़ाई में काफी मदद की. एएस कॉलेज से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ-साथ जेइइ-मेंस की परीक्षा में सफल होने पर आर्थिक मदद कर काउंसेलिंग के लिए पाठक सर ने भेजा. लेकिन, अब आगे की पढ़ाई पैसों की आवश्यकता है. एडमिशन में करीब साठ हजार रुपये लेकर कॉलेज में बुलाया गया है. एजुकेशन लोन भी मिलेगा. तब एडमिशन होगा. ऐसे में पढ़ाई एडमिशन में बाधा बनी हुई है.