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देवघर : बाबाधाम पहुंचने लगे भक्त, साठ हजार ने किया जलार्पण

रविवार की अहले सुबह बाबा मंदिर का पट खुलते ही गूंजने लगे बोलबम के जयकारे, उपनयन संस्कार की रही धूम देवघर : असाढ़ मास पंचमी तिथि पर रविवार को अहले सुबह बाबा मंदिर का पट खुलते ही बोलबम के जयकारे गुंजने लगे. बाबा मंदिर में सावन की झलक दिखने लगी है. गेरुआ वस्त्रधारी बाबाधाम पहुंचने […]

रविवार की अहले सुबह बाबा मंदिर का पट खुलते ही गूंजने लगे बोलबम के जयकारे, उपनयन संस्कार की रही धूम
देवघर : असाढ़ मास पंचमी तिथि पर रविवार को अहले सुबह बाबा मंदिर का पट खुलते ही बोलबम के जयकारे गुंजने लगे. बाबा मंदिर में सावन की झलक दिखने लगी है. गेरुआ वस्त्रधारी बाबाधाम पहुंचने लगे हैं. अत्यधिक भीड़ होने की वजह से आम भक्तों की कतार भी सुबह से ही लंबी लगी रही. आये भक्तों को मानसरोवर ब्रिज से प्रवेश कराने की व्यवस्था को सुबह से ही जारी रखा गया. रविवार को पट बंद होने तक करीब साठ हजार भक्तों ने जलार्पण कर मंगलकामना की.
सैंकड़ों की संख्या में हुए उपनयन संस्कार : पंचमी तिथि पर बाबा मंदिर में हजारों की संख्या में लोग शुभ तिथि को लेकर धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराने पहुंचे थे. इनमें करीब चार सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने-अपने बच्चों का मुंडन व उपनयन संस्कार संपन्न कराया.
शीघ्रदर्शनम् का बढ़ने लगा क्रेज : श्रावणी मेला प्रारंभ होते ही शीघ्रदर्शनम का क्रेज बढ़ गया है.
अत्यधिक भीड़ होने की वजह से कूपन से इंट्री कराने वाले गेट पर घंटों जाम लगा रहा. जाम को हटाने के लिए काफी देर तक मैन्यूअल तरीके से कूपन को फाड़कर गेट के अंदर प्रवेश कराया गया. रविवार को मंदिर प्रशासन ने 4470 कूपन जारी किया, जिससे मंदिर को ढाई सौ रुपये प्रति कूपन के हिसाब से 11.25 लाख से अधिक की आमदनी हुई.
सुलतानगंज : नहीं बदली गंगा घाटों की सूरत, तैयारियां संतोषजनक नहीं
सुलतानगंज : 17 जुलाई से विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू हो रहा है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर की जा रही तैयारियां अभी तक संतोषजनक नहीं हैं. ऐसे में इस बार भी कांवरियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है. रविवार को बारिश के कारण काम बाधित रहा. अजगैबीनाथ मंदिर घाट पर बांस की बैरिकेडिंग अभी तक शुरू नहीं की गयी है. कांवरियों का आगमन भी शुरू हो चुका है. कांवरिये जान जोखिम मेें डालकर गंगा स्नान करने को विवश हैं.
डीएम ने सभी सरकारी विभागों को 10 जुलाई तक सारे काम पूरे करा लेने के निर्देश दिये हैं. इस डेडलाइन में अब दो दिन बचे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि तैयारी की गति काफी सुस्त चल रही है. सड़क, बिजली, सफाई, रोशनी, पेयजल के काम संतोषजनक नहीं हैं.
गंगा घाट की स्थिति दयनीय
गंगा घाट की स्थिति दयनीय बनी हुई है. घाट पर बंगाल, भूटान के कांवरिया मेला पूर्व ही पहुंचने लगे हैं. आने वाले कांवरियों को जल भरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खास कर महिला व बच्चा कांवरिया को विशेष परेशानी उठानी पड़ रही है. सीढ़ी घाट में खतरनाक कच्चा घाट पर गंगा में उतरने के दौरान रोज कांवरिये गिरते हैं.
जहाज घाट की स्थिति भी काफी दयनीय है. गंगा के पानी में उतरने के लिए कांवरियों को नीचे जाना पड़ता है. बाढ़ नियंत्रण विभाग को घाट का समतलीकरण किये जाने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने सौंपी है. डीएम की तैयारी समीक्षा बैठक में निर्देश दिये गये थे कि हर हाल में 10 जुलाई तक घाट का समतलीकरण कर सीढ़ीनुमा बनाया जाये. लेकिन, कार्य की गति काफी धीमी है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंता ने बताया कि कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.

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