देवघर : श्रावणी मेले में इस वर्ष लंबा होगा बाह्य अरघा
निकास द्वार के पास होगी तीन अरघा की व्यवस्था देवघर : श्रावणी मेला में सुलभ जलार्पण के उद्देश्य से इस बार भी कांवरियों के लिए अरघा की व्यवस्था की जा रही है. कांवरियों की सुविधा व भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन इस बार निकास द्वार पर तीन अरघा लगायेगा. इस वर्ष अरघा की लंबाई भी […]
निकास द्वार के पास होगी तीन अरघा की व्यवस्था
देवघर : श्रावणी मेला में सुलभ जलार्पण के उद्देश्य से इस बार भी कांवरियों के लिए अरघा की व्यवस्था की जा रही है. कांवरियों की सुविधा व भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन इस बार निकास द्वार पर तीन अरघा लगायेगा.
इस वर्ष अरघा की लंबाई भी अधिक होगी, ताकि मंदिर में कांवरियों की भीड़ को व्यवस्थित किया जा सके. बाह्य अरघा से जलार्पण के लिए कांवरियों की कतार मंदिर के पश्चिम द्वार से होते हुए नाथबाड़ी से संचालन किया जायेगा. बाह्य अरघा से प्राप्त दान की राशि को उठाने के लिए बाबा मंदिर के भंडारी की जगह मंदिर कर्मचारी को रखने पर विचार किया जा रहा है.
अरघा मरम्मत का काम अंतिम चरण पर : श्रावणी मेला में बाबा मंदिर में जलार्पण के लिए लगनेवाले मुख्य व बाह्य अरघा मरम्मत कराने का कार्य अंतिम चरण में है.
दोनों अरघा का काम स्थानीय कारीगरों द्वारा कराया जा रहा है. बता दें कि पहले अरघा मरम्मत के लिए कोलकाता व पॉलिश के लिए बनारस भेजा जाता था. लेकिन, इस बार मंदिर प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर ही अरघा मरम्मत का काम करने का निर्णय लिया है. इसके अलावा पहले जहां अरघा मरम्मत व पॉलिश पर लाखों रुपये खर्च होते थे, प्रशासन ने इस वर्ष 20-25 हजार रुपये में यह काम कराया है.
दो हेड काउंटिंग मशीन से कांवरियों की होगी गिनती
श्रावणी मेला के दौरान आने वाले कांवरियों की गिनती के लिए प्रशासन ने इस बार नयी तैयारी की है. प्रशासन इस बार दो हेड काउंटिंग मशीन लगायेगा. एक मशीन क्यू कॉम्प्लेक्स से ओवरब्रिज प्रवेश करते समय लगायी जायेगी. जबकि दूसरी मशीन बाबा मंदिर से जलार्पण कर बाहर निकलने वाले कांवरियों की गिनती के लिए निकास द्वार पर लगायी जायेगी. पिछले साल केवल निकास द्वार पर ही हेड काउंटिंग मशीन की व्यवस्था थी. दो हेड काउंटिंग मशीन लगे रहने से प्रशासन के पास कांवरियों का सटीक आंकड़ा रहेगा. इसके लिए सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी.
16 से बंद हो जायेगी स्पर्श पूजा
श्रावणी मेला के उद्घाटन के बाद गुरु पूर्णिमा से बाबा मंदिर में स्पर्श पूजा पूरे एक महीने के लिए बंद रहेगी.