कोकरीबांक की मुखिया के पति की धारदार हथियार से गला रेता, जान मारने की कोशिश
देवघर : जसीडीह थाना क्षेत्र में शनिवार रात कोकरीबांक पंचायत की मुखिया संजू मुर्मू के पति हेमंत सोरेन की अपराधियों ने धारदार हथियार से गला रेतकर जान से मारने की कोशिश की. घटना रात के करीब 9.30 बजे की है. परिजनों ने बताया कि हेमंत मानिकपुर पेट्रोल पंप से घर लाैट रहे थे. इसी बीच […]
देवघर : जसीडीह थाना क्षेत्र में शनिवार रात कोकरीबांक पंचायत की मुखिया संजू मुर्मू के पति हेमंत सोरेन की अपराधियों ने धारदार हथियार से गला रेतकर जान से मारने की कोशिश की. घटना रात के करीब 9.30 बजे की है. परिजनों ने बताया कि हेमंत मानिकपुर पेट्रोल पंप से घर लाैट रहे थे.
इसी बीच बाबूडीह के पास घात लगाये चार अपराधियों ने रोककर जानलेवा हमला कर दिया. धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया. हेमंत बेहोश होने लगा तो अपराधी उसे मरा समझ कर भाग गये. इसी बीच उधर से आ रहे किसी शख्स ने परिजनों को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे व हेमंत सोरेन को नाजुक हालत में रात के करीब 11.30 बजे मेधा सेवा सदन ले आये.
डॉक्टर संजय कुमार ने उसकी नाजुक हालत बताते हुए खून की व्यवस्था कराने की सलाह देते हुए घायल हेमंत को ओटी में शिफ्ट कराया. डॉ संजय ने बताया कि हेमंत के गले की में आर्टरी बची हुई है, इसलिये उसकी जान बच सकती है. इधर, सूचना मिलने पर जसीडीह थाना क्षेत्र के एएसआइ कोलाय कलौंडिया मेधा सेवा सदन पहुंचे. लेकिन, ओटी में भर्ती हेमंत की हालत नाजुक रहने के कारण पुलिस उसका बयान रिकॉर्ड नहीं कर सकी है. हालांकि, परिजनों की माने तो दो अपराधियों के पहचानने की बात सामने आ रही है. परिजनों ने बताया कि हेमंत सोरेन आर्मी से रिटायर्ड है व फिलहाल ईंट बनाकर बेचने का धंधा करता है. मामले को लेकर मुखिया संजू कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं है.
होता रिंग, थाना प्रभारी ने नहीं उठाया फोन
देवघर. घटना की जानकारी लेने के लिये जसीडीह थाना प्रभारी इंस्पेक्टर डीएन आजाद के सरकारी मोबाइल नंबर 9470591052 पर लगातार 11:55 व 11:56 बजे दो बार कॉल किया गया. दोनों बार रिंग होता रहा, किंतु उनके द्वारा रिसीव नहीं किया गया. कुछ देर बाद मोबाइल अनरीचेबुल बताने लगा. पुनः थाना प्रभारी के पर्सनल मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया.
इस नंबर पर भी कॉल होता रहा किंतु उन्होंने रिसीव नहीं किया. इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी पहले तो फोन रिसीव नहीं करना व फिर नॉट रिचेबुल कर देने से पुलिस पदाधिकारी की गंभीरता का पता चलता है. अगर आम लोग किसी मामले की जानकारी लेने के लिये फोन करते होंगे तो पता नहीं क्या होता होगा. इधर, एसपी नरेंद्र कुमार सिंह को कॉल किया गया तो उन्होंने मामले से अनभज्ञिता जाहिर की.