देवघर : 17 जुलाई से शुरू होनेवाले श्रावणी मेला के लिए मंदिर प्रशासन की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. श्रावणी मेला के दौरान पूरे एक महीने तक भक्त अरघा से जलार्पण कर सकेंगे. मंगलवार तक ही भक्तों को स्पर्श पूजा की सुविधा मिलेगी.
बुधवार गुरु पूर्णिमा व संक्रांति तिथि पर बाबा बैद्यनाथ की सरदारी पूजा के बाद से ही अरघा लगा दिया जायेगा. कांवरियों के साथ-साथ स्थानीय लोग भी अरघा के माध्यम से ही जलार्पण करेंगे. हालांकि, परंपरा के अनुसार, श्रावणी मेले के दौरान तीर्थ पुरोहित समाज के लोग कांचा जल पूजा के दौरान स्पर्श पूजा करेंगे. इधर, मेला से पहले बाबा नगरी पूरी तरह सज चुकी है. मेला की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग के लिए प्रशासन भी पूरे जोर-शोर से लगा हुआ है.
सुरक्षा के लिए जगह जगह पुलिसकर्मियों व दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. कांवरिया पथ में भी प्रशासन सुरक्षा व सुविधा को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है. बाबा मंदिर से नेहरु पार्क तक दंडाधिकारी व पुलिस ड्यूटी में लगा दिये गये हैं. इनकी ड्यूटी चार्ट भी बांट दी गयी है. देवघर के अलावा कांवरिया पथ में झारखंड-बिहार दुम्मा बॉर्डर तक व्यापक रूप से प्रचार प्रसार कर श्रावणी मेले में सुविधाओं व व्यवस्था की जानकारी दी जा रही है.
बाह्य अरघा बन कर तैयार : इस बार बाह्य अरघा में थोड़ा बदलाव किया गया है.मंदिर प्रशासन ने सुलभ जलार्पण के लिए बाह्य अरघा की लंबाई बढ़ायी है. बाह्य अरघा को निकास द्वार के ठीक बगल में लगाया जायेगा. जिसे पाइपलाइन के माध्यम से मुख्य अरघा में जोड़ दिया जायेगा. बाबा मंदिर में लगे एलइडी टीवी स्क्रीन पर भक्त जलार्पण का दृश्य देख सकेंगे.
शीघ्र दर्शनम के लिए 500 रुपये देने होंगे
श्रावणी मेला व भादो मेला के दौरान दो महीने तक शीघ्र दर्शनम शुल्क के लिए भक्तों को दोगुनी राशि चुकानी होगी. शीघ्रदर्शनम कूपन के लिए भक्तों को 250 रुपये की जगह 500 रुपये प्रति श्रद्धालु चुकाने होंगे. डीसी के आदेशानुसार, रविवार व सोमवार को शीघ्र दर्शनम कूपन की व्यवस्था बंद कर दी गयी है. साथ ही कूपन के लिए काउंटर की संख्या बढ़ा कर 12 कर दी गयी है. इसके अलावा डाक बम को मेला श्रावणी मेला के दौरान कोई सुविधा नहीं दी जायेगी.