यौन उत्पीड़न मामला : जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने किया सरेंडर, भेजे गये न्यायिक हिरासत में
– अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री ने दर्ज करायी थी एफआईआर – हाईकोर्ट से बेल रिजेक्ट होने के बाद एसपी ने गिरफ्तारी के लिए गठित की थी एसआइटी – रांची, गोड्डा व पोड़ैयाहाट आवास पर एसआइटी द्वारा की गयी छापेमारी में फरार मिले थे प्रदीप यादव संवाददाता, देवघर महिला नेत्री द्वारा लोकसभा चुनाव के […]
– अपनी ही पार्टी की महिला नेत्री ने दर्ज करायी थी एफआईआर
– हाईकोर्ट से बेल रिजेक्ट होने के बाद एसपी ने गिरफ्तारी के लिए गठित की थी एसआइटी
– रांची, गोड्डा व पोड़ैयाहाट आवास पर एसआइटी द्वारा की गयी छापेमारी में फरार मिले थे प्रदीप यादव
संवाददाता, देवघर
महिला नेत्री द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान लगाये गये यौन उत्पीड़न मामले में गोड्डा के पोड़ैयाहाट जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने प्रभारी सीजेएम एसडीजेएम कमल नयन के कोर्ट में सरेंडर कर दिया. सरेंडर किये जाने के बाद विधायक प्रदीप को कोर्ट के आदेश पर न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
जानकारी हो कि अपनी पार्टी के ही केंद्रीय प्रवक्ता रही महिला नेत्री ने विधायक प्रदीप पर कुंडा थानांतर्गत करनिबाग थाना क्षेत्र स्थित होटल शिव सृष्टि पैलेस के कमरे में बुलाकर गलत करने के प्रयास का आरोप लगाया था. घटना लोकसभा चुनाव के दौरान की है, उस वक्त प्रदीप गोड्डा लोकसभा से जेवीएम के प्रत्याशी थे.
इस संबंध में महिला नेत्री ने देवघर महिला थाने में एफआइआर दर्ज कराया था. मामले में कांड के आईओ द्वारा नोटिस मिलने पर विधायक प्रदीप ने देवघर साइबर थाना पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया था. अनुसंधान में आईओ ने प्रदीप के दोनों बॉडीगॉर्ड, जेवीएम के देवघर जिलाध्यक्ष नागेश्वर, महामंत्री दिनेश मंडल के अलावे होटल मैनेजर व अन्य स्टाफ का भी बयान लिया है.
अपर जिला सत्र न्यायाधीश व हाईकोर्ट से विधायक प्रदीप का बेल रिजेक्ट होने के बाद एसपी नरेंद्र कुमार सिंह द्वारा गिरफ्तारी के लिए एसआइटी गठित की गयी थी. आईओ इंस्पेक्टर संगीता के नेतृत्व में गठित एसआइटी ने विधायक प्रदीप के रांची, गोड्डा व पोड़ैयाहाट आवास में छापेमारी की थी, सभी जगह से वे फरार मिले थे.
हाइकोर्ट से नहीं मिली राहत
अपनी ही पार्टी (जेवीएम) की नेत्री के साथ यौन शोषण का आरोप प्रदीप यादव पर लगा है. पिछले दिनों प्रदीप यादव की अग्रिम जमानत याचिका हाइकोर्ट ने खारिज कर दी थी. हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए प्राथमिकी में लगाये गये आरोपों को गंभीर बताया था. इसके बाद अदालत ने अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी. 18 जून को देवघर की निचली अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए प्रदीप यादव की ओर से हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गयी थी.