दुम्मा में कांवरियों को मिलता है प्रवेश कार्ड
देवघर : सुल्तानगंज से जल भरकर जब लंबी दूरी तय कर थके हुए कांवरियों को बिहार का बॉर्डर दिखायी देता है तो उनमें एक अजीब सी स्फूर्ति आ जाती है. 95 किमी की यात्रा के दौरान कांवरिये दुम्मा गेट आते ही झूम उठते हैं. बाेल बम के नारे के साथ दुम्मा गेट पार करते ही कांवरियों की आधी थकान मिट जाती है. बाबानगरी पहुंचने के लिए कांवरिये दौड़ लगाने लगते हैं.
बाबाधाम जल्द पहुंचने के लिए पैरों की रफ्तार तेज हो जाती है व कंधे पर कांवर की रूनझुन आवाज भी बढ़ती चली जाती है. दुम्मा से बाबा बैद्यनाथ मंदिर की दूरी आठ किलोमीटर है, दुम्मा पहुंचने पर कांवरियों को यह एहसास होने लगता है कि अब उनकी मंजिल ज्यादा दूर नहीं है. कांवरिये दुम्मा प्रवेश करने के बाद रुकना नहीं चाहते.कांवरियों की रफ्तार बढ़ जाती है. झारखंड सरकार भी दुम्मा से कांवरिया पथ पर सुविधा बेहतर करती है.