देवघर : लोकसभा चुनाव के दौरान जेवीएम की महिला नेत्री द्वारा दर्ज कराये गये यौन उत्पीड़न मामले में विधायक प्रदीप यादव ने गुरुवार को देवघर के प्रभारी सीजेएम सह एसडीजेएम कमल रंजन की अदालत में सरेंडर कर दिया और जमानत याचना दायर की.
कोर्ट में यादव की ओर से अधिवक्ता अमर सिंह व इशहाक अंसारी ने बहस की. दोनों ने एफआइआर में 13 दिन के बाद दर्ज कराने की बात पर जोर देते हुए कहा कि यह साजिश के तहत रचा गया केस है, जो घटना की सत्यता को शत-प्रतिशत झुठलाता है. इधर अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजक आनंद कुमार चौबे ने कहा कि मामला बहुत ही गंभीर है. सेशन जज व हाइकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है.
बीमारी का दिया हवाला : आरोपित के अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि प्रदीप यादव कई बीमारियों से ग्रसित हैं, जिनका इलाज चल रहा है. उन्होंने जेल के बजाय हॉस्पीटल भेजने का अनुरोध किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने प्रदीप यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी और केंद्रीय कारा के चिकित्सक को जांच कर उचित कदम उठाने का निर्देश दिया.
मामले में कब-क्या हुआ
20 अप्रैल 2019 याैन उत्पीड़न की घटना
3 मई 2019 महिला थाना में एफआइआर दर्ज
9 मई 2019 दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 तहत पीड़िता का बयान
19 जून 2019 सेशन जज एक की अदालत से अग्रिम याचिका संख्या 522/2019 खारिज
16 जुलाई 2019 हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज