साजिश के तहत एसबीआइ एटीएम से “51 लाख चोरी की एफआइआर दर्ज

देवघर : एसबीआइ के जसीडीह चकाई मोड़ स्थित एटीएम में बिना छेड़छाड़ व लॉक तोड़े बगैर 5114500 रुपया गायब करने के मामले में साजिश के तहत गबन की नीयत से चोरी किये जाने का एफआइआर दर्ज किया गया. मामले में कैश एडमिनिस्ट्रेशन सेल (सीएसी) के डिप्टी मैनेजर संजय कुमार केसरी, सहायक मैनेजर वृंदा प्रसाद व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2019 9:11 AM

देवघर : एसबीआइ के जसीडीह चकाई मोड़ स्थित एटीएम में बिना छेड़छाड़ व लॉक तोड़े बगैर 5114500 रुपया गायब करने के मामले में साजिश के तहत गबन की नीयत से चोरी किये जाने का एफआइआर दर्ज किया गया. मामले में कैश एडमिनिस्ट्रेशन सेल (सीएसी) के डिप्टी मैनेजर संजय कुमार केसरी, सहायक मैनेजर वृंदा प्रसाद व वरीय सहायक चंद्रशेखर सुधांशु बनाये गये आरोपित बनाये गये हैं.

घटना के दो दिन बाद एसबीआइ कैश एडमिनिस्ट्रेशन सेल के इंचार्ज मिथिलेश कुमार ने एफआइआर दर्ज करने के लिये लिखित शिकायत जसीडीह थाने में दी थी. उसी आधार पर मामला दर्ज कर एसआइ राम प्रसाद मिश्रा को अनुसंधान भार दिया गया है.
मामले में एसबीआइ प्रबंधन ने आंतरिक जांच-पड़ताल की है. आठ जुलाई को उक्त एटीएम में 55,67,000 रुपया था. दूसरे दिन एक ग्राहक ने 500 रुपये की निकासी की थी. नौ जुलाई से ही तकनीकी कारणों से एटीएम आउट ऑफ आर्डर हो गया, जो 30 जुलाई तक रहा. 30 जुलाई को एटीएम ठीक कराया गया. कैश वेरिफिकेशन कराने पर उक्त एटीएम में मात्र 45,2000 रुपया ही पाया गया. पता चला कि 51,14,500 रुपया एटीएम से गायब है.
एसबीआइ के क्रियाकलाप व हड़बड़ी पर उठ रहे सवाल
देवघर : भारतीय स्टेट बैंक के चकाई मोड़ स्थित एटीएम से 51.14 लाख रुपये नकद गायब होने की घटना के बाद भारतीय स्टेट बैंक के आंतरिक क्रियाकलाप व हड़बड़ी में एसबीआइ प्रबंधन द्वारा उठाये गये कदम से कई सवाल खड़े हो गये हैं. एसबीआइ प्रबंधन यह मान बैठा है कि पदाधिकारियों को निलंबित कर थाने में एफआइआर दर्ज करा दिया गया है, इससे मामले की इतिश्री हो गयी है.
दूसरी ओर पूरे मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच की जाये, तो कई आलाधिकारी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं और कई बड़े खुलासे होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. एसबीआइ अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने का हर वक्त दावा करती है, लेकिन नौ जुलाई से खराब पड़े जसीडीह के चकाई मोड़ स्थित एसबीआइ के एटीएम को 22 दिन बाद 30 जुलाई को ठीक किया गया.

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