देवघर : हरदलाकुंड व घड़ीदार घर मंडप में 100 वर्षों से अधिक समय से तांत्रिक विधि से हो रही पूजा

देवनगरी में आदि शक्ति मां दुर्गा की उपासना से माहौल हुआ भक्तिमय देवघर : देवनगरी में आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा की परंपरा एक सौ वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है. बाबा मंदिर के पूरब द्वार पर स्थित घड़ीदार घर मंडप की पूजा को शहर की सबसे पूरानी पूजा कही जाती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2019 9:09 AM
देवनगरी में आदि शक्ति मां दुर्गा की उपासना से माहौल हुआ भक्तिमय
देवघर : देवनगरी में आदि शक्ति मां दुर्गा की पूजा की परंपरा एक सौ वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है. बाबा मंदिर के पूरब द्वार पर स्थित घड़ीदार घर मंडप की पूजा को शहर की सबसे पूरानी पूजा कही जाती है.
मान्यता है कि इस मंडप में सन 1456 में पिंबर घड़ीदार ने मां की पूजा 16 आना खर्च कर प्रारंभ की थी. आज इस पूजा को उनके वशंज चंडी चरण घड़ीदार, तपन घड़ीदार व अमित घड़ीदार आगे बढ़ा रहे हैं.
यहां पूजा की परंपरा पूरी तरह से अलग है. इस मंडप में विल्वभरनी की पूजा नहीं होती है. मंडप से ही मां को निमंत्रण दिया जाता है. पूर्व से चली आ रही परंपरा के अनुसार विल्वभरनी पूजा के लिए कोठिया के जनार्दन राउत के वंशज जोड़ा बैल लाकर पूजा में देते हैं. वहीं मां की प्रतिमा का पूरा साज-सज्जा गोपाल ठाकुर के वंशजों के द्वारा आज भी दिया जा रहा है.
वहीं शहर के हरदला कुंड में भी मां के मंडप में पूजा का सौ साल पार हो गया है. यहां भी मां की बांग्ला पंचांग के अनुसार ही पूजा की जाती है. यहां मां की पूजा पूरी तरह से वैष्णव विधि से करने की परंपरा चली आ रही है. पूजा को डॉ ओमियो राय के परिवार के अलावा यहां के बंगाली समुदाय की ओर से सन 1918 में प्रारंभ की गयी थी.
वर्तमान में पूजा का आयोजन डॉ एनसी गांधी की अध्यक्षता में की जा रही है. पूजा ज्ञानदो चक्रवर्ती के द्वारा की जा रही है. पूजा समिति में सचिव के तौर पर समीर चौबे, सोमनाथ मजूमदार, संजय चटर्जी, असीम घोष, सुब्रतो राय, सुब्रतो देव आदि हैं.

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