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66 विद्यार्थियों को पढ़ा रहे एक शिक्षक, 674 पद खाली

देवघर : जिले के सेकेंडरी व हायर सेकेंडरी स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. इसका असर विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ रहा है. जिले के 129 सरकारी हाइस्कूल व प्लस टू स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या 39,988 है. वहीं, हाइस्कूलों में सहायक शिक्षकों के 465 और प्लस टू स्कूलों में […]

देवघर : जिले के सेकेंडरी व हायर सेकेंडरी स्कूल शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं. इसका असर विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम पर भी पड़ रहा है. जिले के 129 सरकारी हाइस्कूल व प्लस टू स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की संख्या 39,988 है. वहीं, हाइस्कूलों में सहायक शिक्षकों के 465 और प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के 209 पद रिक्त हैं.

विभागीय आंकड़ों पर गौर करें, तो हाइस्कूलों में सहायक शिक्षकों के कुल स्वीकृत पद 990 हैं, जबकि कार्यरत शिक्षक 525 हैं. वहीं प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के स्वीकृत पद 286 व कार्यरत शिक्षकों की संख्या सिर्फ 77 है. ऐसे में कुल 602 शिक्षकों पर 40 हजार छात्र-छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेवारी है.यानी कि करीब 67 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक हैं.

सिलेबस पूरा नहीं होने से छात्र-छात्राएं चिंतित : मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में कुछ माह ही शेष बचे हैं, जबकि छात्र-छात्राओं का सिलेबस पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में छात्र-छात्राओं को चिंता सताने लगी है. शिक्षकों की कमी का खामियाजा वर्ष 2019 में आयोजित मैट्रिक व इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा परिणाम पर भी पड़ा था. वर्ष 2019 में मैट्रिक की परीक्षा में जिले के 60.70 फीसदी विद्यार्थी ही सफल हुए थे. अब पुन: मैट्रिक व इंटरमीडिएट की परीक्षा सामने है.
मैट्रिक में 32 हजार व इंटरमीडिएट में आठ हजार छात्र : जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 129 हाइस्कूल में अध्ययनरत छात्रों की संख्या कक्षा नवम में 16553 व कक्षा दशम में 15577 है. जिले के 26 प्लस टू हाइस्कूलों में अध्ययनरत छात्रों की संख्या कक्षा 11वीं में 4213 व कक्षा 12वीं में 3645 है.

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