25 लाख के घोटाले में फंसे पूर्व डीएचओ
फर्जी वाउचर पर हुआ खाद व दवा के पैसे का भुगतान देवघर : उद्यान विभाग से सब्जी व मसाला की खेती में 25 लाख रुपये के घोटाले में देवघर के पूर्व डीएचओ ओमप्रकाश चौधरी पर आरोप तय किया गया है. लोकायुक्त के निर्देश पर देवघर की डीआरडीए डायरेक्टर नयनतारा करकेट्टा की अध्यक्षता में जांच कमेटी […]
फर्जी वाउचर पर हुआ खाद व दवा के पैसे का भुगतान
देवघर : उद्यान विभाग से सब्जी व मसाला की खेती में 25 लाख रुपये के घोटाले में देवघर के पूर्व डीएचओ ओमप्रकाश चौधरी पर आरोप तय किया गया है. लोकायुक्त के निर्देश पर देवघर की डीआरडीए डायरेक्टर नयनतारा करकेट्टा की अध्यक्षता में जांच कमेटी ने पूरे मामले की जांच कर तत्कालीन डीएचओ ओपक्राश चौधरी को जिम्मेवार ठहराते हुए उच्चस्तरीय जांच की अनुशंसा की थी.
उद्यान विभाग के निदेशक राजेश कुमार पाठक ने डीएचओ से पहले शो-कॉज किया, उसके बाद प्रपत्र क का गठन करने का आदेश देते हुए विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है. उद्यान विकास योजना के तहत देवघर, मोहनपुर व सोनारायठाढ़ी प्रखंड में साईं राम वेलफेयर सोसाइटी द्वारा 25 लाख रुपये की लागत से सब्जी व मसाला की खेती की योजना की स्वीकृत दी गयी थी.
जांच कमेटी के अनुसार डीएचओ ओमप्रकाश चौधरी के कार्यकाल में योजना का भुगतान किया गया है. इस योजना में फसलों में खाद व दवा के छिड़काव के लिए फर्जी वाउचर प्रस्तुत कर पैसे का भुगतान किया गया है. 25 लाख रुपये की इस योजना में लाभुकों के बैंक खाते में राशि तो भेजी गयी है, लेकिन अधिकांश लाभुकों ने खेतों में सब्जी व फूल नहीं लगाये व पैसे की निकासी हो गयी. कागज पर ही सब्जी व फूल की खेती की रिपोर्ट तैयार की गयी है.
विभाग की गाइडलाइन के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 में ही 25 लाख रुपये की लागत से फूल गोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, बैंगन, गेंदा व गुलाब फूल की खेती करनी थी. फर्जीवाड़ा का खुलासा लक्ष्मी मार्केट स्थित खाद बीज दुकानदार संदीप खाद भंडार के पत्र से हुआ था.
जिला कृषि पदाधिकारी आरपी सिंह ने जांच के दौरान संदीप खाद भंडार को पत्र लिखकर कहा था कि झौंसागढ़ी की संस्था साईं राम वेलफेयर सोसाइटी द्वारा गठित लाभुक समिति पोस्तवारी व माणिकपुर ने सब्जी, फूल व मसाला की खेती के लिए दवा व खाद का बिल आपके दुकान का कार्यालय में प्रस्तुत किया है, इस बिल की सत्यता की जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध करायें.
संदीप खाद भंडार ने जिला कृषि पदाधिकारी को दिये जवाब में कहा है कि लाभुक समिति पोस्तवारी व माणिकपुर को उनके दुकान से किसी भी प्रकार की खाद व दवा की आपूर्ति नहीं की गयी है. समिति द्वारा प्रस्तुत बिल की छायाप्रति उनके दुकान की नहीं है. अधिक राशि का भुगतान केवल कागज के आधार पर ही हो गया. इस गड़बड़ी की शिकायत जिला परिषद सदस्य बिरजू राउत ने लोकायुक्त से की थी, इसके बाद जांच शुरू हुई थी.