संताल परगना में 45,051 वोटरों की नोटा ही बनी पसंद
सबसे अधिक देवघर, मधुपुर व सबसे कम नाला में दबा नोटा बटन 40 लाख से अधिक वोटरों ने लिया था मतदान में हिस्सा करीब 45 हजार लोगों को नहीं पसंद आया 262 प्रत्याशियों में एक भी प्रत्याशी संताल परगना की 18 सीटों पर हुआ था चुनाव सबसे अधिक 5381 वोटरों ने नोटा दबाया देवघर : […]
- सबसे अधिक देवघर, मधुपुर व सबसे कम नाला में दबा नोटा बटन
- 40 लाख से अधिक वोटरों ने लिया था मतदान में हिस्सा
- करीब 45 हजार लोगों को नहीं पसंद आया 262 प्रत्याशियों में एक भी प्रत्याशी
- संताल परगना की 18 सीटों पर हुआ था चुनाव
- सबसे अधिक 5381 वोटरों ने नोटा दबाया
देवघर : 2019 के विधानसभा चुनाव में संताल परगना के लगभग 50 हजार लोगों को एक भी प्रत्याशी पसंद नहीं थे. इस कारण 18 विधानसभा सीटों पर 45051 वोटरों ने नोटा का इस्तेमाल किया. कई विधानसभा में प्रत्याशियों से भी अधिक वोट नोटा को मिले हैं. नोटा ने कहीं-कहीं तो चुनाव का परिणाम भी प्रभावित करने का काम किया है. इस चुनाव में संताल परगना के तकरीबन 40 लाख से अधिक वोटरों ने हिस्सा लिया.
देवघर में नोटा को सर्वाधिक वोट
विधानसभा सीट से हारने वाले प्रत्याशी जितने मतों से हारे, उससे अधिक वोट नोटा को पड़े हैं. जैसे देवघर में राजद प्रत्याशी 2624 वोटों से हारे जबकि यहां नोटा को 5381 वोट पड़े हैं. इसी तरह जामा में 2426 वोटों से भाजपा हारी, जबकि इस सीट पर नोटा को 1671 वोट पड़े हैं.
गोड्डा में 14 में से 11 प्रत्याशी नोटा से भी पीछे
नोटा का सबसे बड़ा खेल तो गोड्डा विधानसभा क्षेत्र में देखने को मिला. इस चुनाव में गोड्डा में 14 प्रत्याशी मैदान में थे. लेकिन जब चुनाव परिणाम आया तो वह चौंकाने वाला था. क्योंकि 14 में से 11 प्रत्याशी नोटा से भी पीछे रहे.
गोड्डा में नोटा पर 2731 वोट पड़े. जो प्रत्याशी नोटा से भी पीछे रह गये हैं उनमें अवधेश कुमार सिंह-आजसू पार्टी, प्रदीप कुमार पंडित-बसपा, फूल कुमारी-जेवीएम, बबिता देवी-एनसीपी, अनिल कुमार महतो-आमरा बंगाली, ज्ञानेश्वर झा-जागरूक जनता पार्टी, नूर हसन-पीस पार्टी, रवींद्र शंकर मिश्रा-आप, प्रीतम कुमार गाड़िया-निर्दलीय, प्रीतम सिंह-निर्दलीय, रीतेश सिंह-निर्दलीय प्रत्याशी प्रमुख हैं.
नोटा ने पछाड़ा कई प्रत्याशियों को
संताल परगना की 18 सीटों पर 262 प्रत्याशियों में कुल 144 प्रत्याशी ऐसे रहे जिनको नोटा से भी कम वोट मिले हैं. यानी आधा से अधिक प्रत्याशी नोटा से ही हार गये.
इनमें सबसे अधिक जरमुंडी के 26 प्रत्याशी में से 13 प्रत्याशी नोटा को टक्कर नहीं दे सके. इसी प्रकार राजमहल तथा गोड्डा में 11-11 प्रत्याशियों को नोटा ने पछाड़ दिया है. आश्चर्य तो यह है कि कई राष्ट्रीय दल के प्रत्याशियों को भी नोटा ने पटखनी दे दी है. मधुपुर में 13 में से नौ प्रत्याशी ऐसे हैं जो नोटा से भी हार गये. इसी तरह पोड़ैयाहाट में आठ में से पांच प्रत्याशी नोटा से पिछड़ गये.
सबसे अधिक गोड्डा में 14 में से 11 प्रत्याशी नोटा से हारे
कहां कितने प्रत्याशी नोटा से पिछड़े
राजमहल 23 11
बोरियो 12 आठ
बरहेट 12 आठ
लिट्टीपाड़ा 11 सात
पाकुड़ 11 छह
महेशपुर 12 सात
शिकापीराड़ा 13 नौ
जामताड़ा 13 आठ
दुमका 13 नौ
जामा 15 नौ
जरमुंडी 26 13
किस विधानसभा में कितने लोगों को प्रत्याशी पसंद नहीं
राजमहल 821
बोरियो 2687
बरहेट 2566
लिट्टीपाड़ा 3228
पाकुड़ 2644
महेशपुर 1939
शिकारीपाड़ा 3852
नाला 601
जामताड़ा 3031
दुमका 2267
जामा 1671
जरमुंडी 1449
मधुपुर 4520
सारठ 885
देवघर 5381
पोड़ैयाहाट 3078
गोड्डा 2731
महगामा 1700
कुल 45051 वोट