नवजात का नहीं चला पता डीसी ने बनायी जांच कमेटी

देवघर : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय सारवां की 11वीं कक्षा की छात्रा की प्रसव के बाद हुई मौत व उसके गायब नवजात मामले में करीब 36 घंटे बीत गये. बावजूद अब तक कोई पता नहीं चल सका है. मामले में डीसी नैंसी सहाय ने एसडीएम विशाल सागर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2019 9:23 AM

देवघर : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय सारवां की 11वीं कक्षा की छात्रा की प्रसव के बाद हुई मौत व उसके गायब नवजात मामले में करीब 36 घंटे बीत गये. बावजूद अब तक कोई पता नहीं चल सका है. मामले में डीसी नैंसी सहाय ने एसडीएम विशाल सागर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. उक्त कमेटी में एसडीओ के अलावा एक महिला दंडाधिकारी,

एक महिला डॉक्टर व एक अन्य को सदस्य बनाया गया है. जांच टीम से त्वरित रिपोर्ट मांगी गयी है. वैसे जांच दल को एक सप्ताह का समय दिया गया है. डीसी ने कहा कि मामले में जांच रिपोर्ट प्राप्त होते ही अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी. शुक्रवार रात को छात्रा ने एक बच्चे को जन्म दिया था.
हालांकि अभी बच्चा कहां है, किसी को स्पष्ट जानकारी नहीं है. सूचना के बाद जिला बाल संरक्षण व चाइल्ड लाइन की टीम करनीबाग स्थित निजी क्लिनिक पहुंची थी, जहां छात्रा ने बच्चे को जन्म दिया था. टीम ने सदर अस्पताल में भी पूछताछ की थी. बाल संरक्षण की टीम से पूछताछ में अभिभावक ने बताया था कि मौत के बाद छात्रा का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
परिजनों ने यह भी बताया था कि उन लोगों ने देवघर-सारठ मुख्य पथ पर स्थित करनकोल जोरिया के नीचे बच्चे को फेंक दिया. उसी आधार पर शनिवार देर रात कुंडा पुलिस ने जोरिया के पास पहुंचकर खोजबीन की, पर बच्चा नहीं मिला था. वहां से पुलिस ने एक चादर बरामद की है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
छात्रा बनवरिया गांव के आसपास की रहनेवाली है. परिजनों ने अस्पताल में उसकी उम्र 18 वर्ष लिखवायी थी. छात्रा का प्रसव करनीबाग स्थित सुधा हॉस्पिटल में कराया गया था. अस्पताल के संचालक व डॉक्टर को सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने जिला बाल संरक्षण व चाइल्ड लाइन की टीम के सामने बुला कर घटना की जानकारी ली थी.

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