देवघर: जिले के 1500 आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के बीच वितरण किये जाने वाले पोषाहार पिछले एक माह से बाधित है. पोषाहार की राशि करीब 1.5 करोड़ रुपया दस दिनों से बैंक की पूंजी बनी हुई है.
इस कारण 1500 आंगनबाड़ी केंद्रों से करीब 60 हजार बच्चे सरकारी निवाले के बगैर भूखे लौट रहे हैं. चूंकि बैंक से पोषाहार की राशि आंगनबाड़ी केंद्रों तक नहीं पहुंच रही है.
बैंक से यह राशि आंगनबाड़ी सेविका व माता समिति के अध्यक्ष के संयुक्त खाते में हस्तांतरित होना है. सेविकाओं द्वारा पिछले माह का भाउचर प्रस्तुत किये जाने के बाद समाज कल्याण कार्यालय से दस दिनों पहले कोषागार से प्रक्रिया पूरी कर करीब 1.5 करोड़ रुपये का चेक एक्सिस बैंक को सौंपा गया है. एक्सिस बैंक से चेक का क्लीयरेंस एसबीआइ (मुख्य शाखा) से भी हो चुका है. लेकिन अब तक आंगनबाड़ी केंद्रों में यह राशि नहीं पहुंची है. बैंक व विभाग के इस खींचतान से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में एक दिन भी पोषाहार बंद नहीं रहना है. लेकिन अक्सर कोई न कोई विभागीय लापरवाही से आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार बंद होता जा रहा है.
प्राइवेट बैंक में सरकारी फंड जमा करने पर लगी थी रोक !
प्राइवेट बैंकों में सरकारी राशि जमा करने पर तत्कालीन डीसी मस्तराम मीणा ने रोक लगायी थी. इसके लिए विज्ञापन भी निकालकर प्राइवेट बैंक में सरकारी खाता बंद करने को कहा गया था. बावजूद कई विभाग के सरकारी फंड को प्राइवेट बैंक में जमा करने का सिलसिला चलता रहा. अब प्राइवेट बैंकों के प्रति विभाग के अधिकारियों की क्या दिलचस्पी है, यह रहस्य बना हुआ है. चूंकि करोड़ों में सरकारी फंड प्राइवेट बैंकों में जमा किया जाता है.
‘ एक्सिस बैंक में दस दिनों पहले करीब 1.5 करोड़ रुपये का चेक सौंपा गया है. एसबीआइ से चेक क्लीयरेंस भी हो गया है. बैंक में छुट्टी के कारण राशि हस्तांतरित नहीं हो पायी है. एक्सिस बैंक के प्रबंधक से वार्ता हुई है. दो दिनों के अंदर सेविका व माता समिति के खाते में राशि हस्तांतरित कर दी जायेगी’
– राजीव रंजन सिन्हा, डीपीओ, देवघर