देवीपुर केजीवीए की जांच करेगी टीम

देवघर: भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण से लेकर बाल अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून बनाया है, लेकिन कानून का पूरा माखौल कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय देवीपुर में उड़ाया जा रहा है. विद्यालय की करीब दो दर्जन छात्राएं शादीशुदा है. शादीशुदा छात्राएं विद्यालय में कक्षा आठवीं, 10वीं, 11वीं व 12वीं में अध्ययनरत हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2014 8:16 AM

देवघर: भारत सरकार ने महिला सशक्तिकरण से लेकर बाल अधिकारों की रक्षा के लिए कई कानून बनाया है, लेकिन कानून का पूरा माखौल कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय देवीपुर में उड़ाया जा रहा है.

विद्यालय की करीब दो दर्जन छात्राएं शादीशुदा है. शादीशुदा छात्राएं विद्यालय में कक्षा आठवीं, 10वीं, 11वीं व 12वीं में अध्ययनरत हैं. झारखंड राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग के पदाधिकारी संजय कुमार मिश्र के औचक निरीक्षण में इसका खुलासा होने के बाद शनिवार को सिविल एसडीओ देवघर जय ज्योति सामंता की अगुवाई में जांच टीम विद्यालय जायेगी.

घटना की जांच के लिए टीम के जाने की खबर से विद्यालय प्रबंधन की बेचैनी बढ़ गयी है. झारखंड राज्य बाल अधिकार आयोग के पदाधिकारी को जब छात्रओं के शादीशुदा होने की जानकारी मिली तो वो भी दंग रह गये थे. आयोग के पदाधिकारी ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए उपविकास आयुक्त देवघर को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया था. इसके बाद जांच के लिए टीम का गठन किया गया.

विद्यालय की वार्डन व पूर्व वार्डन बोलने को तैयार नहीं

छात्राएं के शादीशुदा होने की खबर प्रकाश में आने के बाद कस्तूबरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय देवीपुर की वार्डन व पूर्व वार्डन मीडिया से बात करने से कतरा रही है. पूर्व वार्डन संगीता ने कहा कि वार्डन का प्रभार विद्यालय की शिक्षिका गुड़िया को दे दी हूं. इसलिए पूरे मामले पर प्रभारी वार्डन ही जानकारी देंगी. वहीं वार्डन गुड़िया से मोबाइल पर संपर्क किया तो किसी भी प्रकार की जानकारी देने की बजाय उन्होंने अपना मोबाइल स्वीच ऑफ कर लिया.

शादीशुदा छात्राएं रहती हैं अनुपस्थित

शादीशुदा छात्राएं ससुराल में रहने की बजाय नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित नहीं होती हैं. नतीजा छात्राएं पठन-पाठन से वंचित हो रही है. आयोग के पदाधिकारी ने कई हिदायत भी दिया था. लेकिन, स्कूल प्रबंधन द्वारा अबतक अनुपालन नहीं किया गया है.

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