देवघर (दिनकर ज्योति) : सावन (Sawan 2020) के महीने में अब तक 16 लाख से अधिक लोगों ने बाबा बैद्यनाथ के दर्शन किये हैं. भले बाबा के भक्त इस बार देवघर नहीं पहुंच पाये, अपने-अपने घरों से ही बाबाधाम के दर्शन कर रहे हैं. सुबह और शाम की पूजा सोशल मीडिया पर देखकर भक्त गद्गद् हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार सिर्फ मंदिर पुजारी और तीर्थ पुरोहितों को ही गर्भगृह में पूजा करने की अनुमति दी है. मंदिर परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है.
श्रावण मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि शनिवार (18 जुलाई, 2020) को सुबह करीब 4:30 बजे बाबा मंदिर का पट खुला. बाबा की दैनिक पूजा करने पुजारी विनोद झा एवं मंदिर कर्मी आदित्य ने फलाहारी मंदिर गर्भ गृह में प्रवेश किया. सर्वप्रथम मंदिर के गर्भ गृह की सफाई की गयी. द्वादश ज्योतिर्लिंग को मखमल के कपड़े से साफ किया गया. इसके बाद काचा जल पूजा शुरू हुई.
मंदिर के पुजारी विनोद झा ने मंत्रोच्चार के बीच एक लोटा काचा जल बाबा पर चढ़ाया. इसके साथ ही काचा जल पूजा शुरू हो गयी. कतार में खड़े सभी तीर्थ पुरोहितों ने बारी-बारी से बाबा पर काचा जल चढ़ाया. यह क्रम लगभग आधा घंटा तक चला. इसके समापन होते ही सरकारी पूजा शुरू हुई. यह भी लगभग आधा घंटा चला.
इसमें मंदिर पुजारी विनोद झा ने बाबा बैद्यनाथ की षोडशोपचार विधि से पूजा की. इस दौरान वैदिक मंत्रोचार के साथ फूल, बिल्व पत्र, इत्र, चंदन, मधु, घी, दूध, शक्कर, धोती, साड़ी, जनेऊ आदि बाबा पर चढ़ाये. पूजा के समापन के बाद सभी तीर्थ पुरोहितों के लिए बाबा मंदिर का पट खोल दिया गया. सुबह 6:30 बजे मंदिर का पट बंद कर दिया गया.
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण बाबा की बृहत पूजा का आयोजन नहीं किया जा रहा है. मंदिर में लॉकडाउन लगने से पूजा के नाम पर परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहितों को छोड़कर सभी भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है. यहां तक कि तीर्थ पुरोहित परिवार की महिलाओं एवं बच्चों के भी पूजा करने पर पाबंदी है.
इसलिए पूरा बाबा मंदिर परिसर खाली रहता है. गत वर्ष श्रावण मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि को स्थानीय भक्तों के साथ-साथ बड़ी संख्या में बाहरी भक्तों ने भी बाबा की पूजा की थी. मंदिर परिसर सहित आसपास के क्षेत्र में पैर रखने की जगह नहीं थी. शिवगंगा से लेकर मंदिर सिंहद्वार तक प्रवेश करने में भक्तों को एक घंटा से अधिक समय लगता था.
गेरुआ वस्त्रधारी शिव भक्तों से शिवगंगा गली भरी हुई थी. पूरी गली में स्थानीय भक्तों के अलावा बिहार एवं बंगाल के सर्वाधिक शिव भक्त आये थे. मंदिर से दुम्मा तक बोल बम का नारा है, बाबा एक सहारा है…, क्या बोलोगे बोल बम, क्या पढ़ोगे बोल बम.., आदि जयकारों से गुंजायमान था.
दुम्मा प्रवेश करते ही भक्तों की सेवा करने के लिए सेवार्थियों की कतार लगी रहती थी. भक्तों को फल, ड्राई फ्रूट्स, चाय, नींबू-पानी आदि देने वालों की भीड़ लगी रहती थी. भक्तों के सैलाब को नियंत्रित करने के लिए जगह-जगह पुलिस बल को तैनात किया गया था. इस बार पुलिस बल भक्तों को देवघर धाम में प्रवेश करने से रोक रही है. फलस्वरूप भक्त बाबाधाम तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.
सुल्तानगंज से जल लेकर आने वाले भक्तों को दुम्मा बॉर्डर पर ही रोक दिया जाता है. भक्तगण बाबाधाम के प्रवेश द्वार पर ही जल अर्पण कर लौट रहे हैं. बाबा मंदिर की ओर आने वाले सभी मार्गों पर पुलिस चेक पोस्ट बनाकर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. बाबाधाम की ओर आने-जाने वाले सभी वाहनों की चेकिंग की जा रही है. उनसे परमिट मांगा जा रहा है. परमिट दिखाने के बाद ही आगे जाने की अनुमति दी जा रही है.
भक्तों की आस्था को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाबा की सुबह एवं शाम की पूजा का ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की है. सुबह की पूजा का सीधा प्रसारण सुबह 4:45 बजे एवं शाम की पूजा का सीधा प्रसारण शाम 7:30 बजे किया जा रहा है. बाबा बैद्यनाथ की एक झलक पाने के लिए भक्त बेताब हो रहे हैं.
ऑनलाइन दर्शन कर गद्गद् हो रहे भक्त ऑनलाइन पूजा देखने के साथ-साथ ऑनलाइन प्रसारण को लाइक भी कर रहे हैं. कमेंट कर रहे हैं. ऑनलाइन पूजन को सोशल मीडिया पर शेयर करके बाबा के प्रति अपनी भक्ति दर्शा रहे हैं. अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. छह जुलाई से शुरू श्रावणी मेला में अब तक 16 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन पूजा कर चुके हैं.
Posted By : Mithilesh Jha