प्रवचन :::मन की नई गहराइयों में उतरे
प्रत्येक नई ध्वनि अपेक्षाकृत अधिक सूक्ष्म होगी. यह इस बात का संकेत होगा कि आप मन की नई गहराइयों में उतरते जा रहे हैं. इस अभ्यास को अधिक -से -अधिक आधा घंटे तक कीजिये. इसके बाद अपनी चेतना को शरीर तथा सहज श्वास पर वापस लााइये.तीन बार ऊँ का उच्चारण कीजिये, धीरे से आंखें खोलिये.अपने […]
प्रत्येक नई ध्वनि अपेक्षाकृत अधिक सूक्ष्म होगी. यह इस बात का संकेत होगा कि आप मन की नई गहराइयों में उतरते जा रहे हैं. इस अभ्यास को अधिक -से -अधिक आधा घंटे तक कीजिये. इसके बाद अपनी चेतना को शरीर तथा सहज श्वास पर वापस लााइये.तीन बार ऊँ का उच्चारण कीजिये, धीरे से आंखें खोलिये.अपने आंतरिक व्यक्तित्व को जानने की यह सहज परंतु बड़ी सशक्त विधि है. इसका अभ्यास आपको सीधे ध्यान की अवस्था में ले जाता है. यदि प्रारंभ में आप काई ध्वनि न पकड़ पायें जो निराश न होइये. कुछ समय बाद आप अवश्य सफल होंगे. आपको सुनाई पड़ने वाली ध्वनियां ढोलक, शंख, तुरही, झींगुर, घंटी, जलप्रपात, वंशी, वीणा, पक्षी आदि की हो सकती है.