गुजर रहा रबी फसल का मौसम, बाजार के सहारे किसान
संवादददाता, देवघरखरीफ हो या रबी किसानों के लिए समय पर बीज सरकार उपलब्ध नहीं करा पाती है. इस बार भी रबी फसलों का समय गुजर रहा है, लेकिन किसानों के लिए सरकारी बीज उपलब्ध नहीं हो पाया है. किसानों को बाजार में 10 से 15 रुपये किलो महंगे दर पर बीज खरीदना पड़ा रहा है. […]
संवादददाता, देवघरखरीफ हो या रबी किसानों के लिए समय पर बीज सरकार उपलब्ध नहीं करा पाती है. इस बार भी रबी फसलों का समय गुजर रहा है, लेकिन किसानों के लिए सरकारी बीज उपलब्ध नहीं हो पाया है. किसानों को बाजार में 10 से 15 रुपये किलो महंगे दर पर बीज खरीदना पड़ा रहा है. कृषि विभाग ने जून माह में तीन हजार क्विंटल गेहूं व 250 क्विंटल सरसों का बीज का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था. लेकिन चार माह बाद भी बीज जिले को प्राप्त नहीं हुआ है. जबकि रबी का उचित मौसम नवंबर से दिसंबर तक है. उचित समय पर अगर किसान बिचड़ा नहीं डालेंगे तो उत्पादन सही नहीं होगा. सरकार से प्राप्त होने वाली बीज में किसानों को (गेहूं) 30 रुपया प्रति किलो व सरसों (41) रुपया प्रति किलो की दर से मिलेगी. किसानों को पैक्सों के माध्यम से सरकारी दर पर बीज मुहैया कराना है. जबकि बाजार में इन दिनों गेहूं का बीज 35 से 45 रुपया किलो तक अलग-अलग क्वालिटी में बिक रहा है. सरकारी बीज से वंचित किसानों बाजार के सहारे रबी फसल की खेती की तैयारी में लगे हैं.दो हजार क्विंटल बीज आने की स्वीकृति जिला कृषि पदाधिकारी एसएन सरस्वती ने कहा कि दो दिन पहले दो हजार क्विंटल गेहूं का बीज आवंटन की स्वीकृति मिली है. यह बीज नेशनल शीड कॉरपोरेशन (एनएससी) से प्राप्त होगी. नोडल पैक्सों को बीज प्राप्त करने के लिए नेशनल शीड कॉरपोरेशन के पास ड्राफ्ट भेजना होगा. इसकी प्रक्रिया चल रही है. जल्द ही बीज पैक्सों तक पहुंच जायेगी.