गायत्री शक्तिपीठ में पंच कोशीय साधाना शिविर का समापन

तसवीर है राजीव के फोल्डर में री-नेम -9939संवाददाता,जसीडीह जसीडीह के डाबरग्राम स्थित गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित पंचकोशीय साधना शिविर का समापन बुधवार को हुआ. इस अवसर पर पंचकोशीय साधना का विशद् सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक व्याख्या करते हुए शांतिकंुज हरिद्वार से पधारे सिद्धसाधक प्रवर लाल बिहारी सिंह ने कहा कि जिस आवरण में पहंुचने पर आत्मा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2014 10:03 PM

तसवीर है राजीव के फोल्डर में री-नेम -9939संवाददाता,जसीडीह जसीडीह के डाबरग्राम स्थित गायत्री शक्तिपीठ में आयोजित पंचकोशीय साधना शिविर का समापन बुधवार को हुआ. इस अवसर पर पंचकोशीय साधना का विशद् सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक व्याख्या करते हुए शांतिकंुज हरिद्वार से पधारे सिद्धसाधक प्रवर लाल बिहारी सिंह ने कहा कि जिस आवरण में पहंुचने पर आत्मा को आनंद मिलता है,जहां उसे शांति,सुविधा,स्थिरता,अनुकूलता की स्थिति प्राप्त होती है. वहीं आनंदमय कोश में पहुंचा हुआ प्राणी अपने पिछले चार शरीरों अन्नमय, प्राणमय, मनोमय और विज्ञानमय कोश को भली प्रकार समझ लेता है. गायत्री साधना में जितना समय, श्रम, धन और मनोयोग लगता है, सांसारिक दृष्टि से कई गुणा होकर साधक के पास निश्चित रूप से लौट आता है. इस अवसर पर साधकों में कुलदीप महतो, विनोद प्रसाद सिन्हा,अवध किशोर कापरी, उमाकांत राय,रानी वर्णवाल आदि शामिल थे. शिविर में संतमत आश्रम के आचार्य श्रीविष्णुजी भी शामिल हुए.

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