डबल मर्डर मिस्ट्री : तीन युवक व एक महिला से पूछताछ फिर हुई सीबीआइ की जांच तेज

देवघर: डाबरग्राम पुलिस लाइन से जुड़े डबल मर्डर मिस्ट्री में सीबीआइ जांच फिर एक बार तेज हो गयी है. इस कांड की जांच में लगी सीबीआइ अधिकारियों की टीम आइबी स्थित कैंप कार्यालय में कई दिनों से जमी है. इस क्रम में सोमवार को जसीडीह थाना क्षेत्र के तीन युवकों व एक महिला को बुला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2014 7:15 AM

देवघर: डाबरग्राम पुलिस लाइन से जुड़े डबल मर्डर मिस्ट्री में सीबीआइ जांच फिर एक बार तेज हो गयी है. इस कांड की जांच में लगी सीबीआइ अधिकारियों की टीम आइबी स्थित कैंप कार्यालय में कई दिनों से जमी है.

इस क्रम में सोमवार को जसीडीह थाना क्षेत्र के तीन युवकों व एक महिला को बुला कर सीबीआइ अधिकारियों द्वारा कई घंटे तक पूछताछ की गयी. सीबीआइ टीम को पूछताछ में कुछ अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. हालांकि इस संबंध में कुछ भी बताने से टीम के अधिकारियों ने इनकार कर दिया. बताया जाता है कि तीनों युवक व महिला को करीब 11 बजे सुबह में सीबीआइ कैंप कार्यालय में बुलाया गया था.

बारी-बारी से सीबीआइ अधिकारियों ने इन लोगों से कई बिंदु पर पूछताछ की. कांड की आइओ व सीबीआइ टीम के महिला पुलिस अधिकारी ने भी इनलोगों से काफी देर तक पूछताछ की. इसके पूर्व भी सीबीआइ अधिकारियों ने इस कांड के आइओ रहे जसीडीह के पूर्व इंस्पेक्टर विनोद वर्मा सहित तत्कालीन महिला थाना प्रभारी प्रफुल्लित कुजूर, पोस्टमार्टम करने वाले पोचू राम, सदर अस्पताल के डॉक्टरों व अन्य से पूछताछ की थी. इसके बाद डबल मर्डर मिस्ट्री से जुड़े पोस्टमार्टम रिपोर्ट व फोरेंसिक जांच रिपोर्ट आदि के बारे में भी पता करने के प्रयास में सीबीआइ टीम लगी थी.

क्या है डबल मर्डर मिस्ट्री

जानकारी हो कि पुलिस लाइन के तालाब से रश्मि व रोशनी (दोनों काल्पनिक नाम) की लाश 2013 के जून में बरामद हुई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के साथ दुष्कर्म व हत्या की पुष्टि हुई थी. इस मामले में उस वक्त के पहले आइओ रहे एक एएसआइ समेत इंस्पेक्टर निलंबित हो गये थे. वहीं मामले की जांच में लगे डीएसपी से लेकर एसपी व डीआइजी तक हटा दिये गये थे. मामले के विरोध में कई दिन देवघर अस्त-व्यस्त रहा था. आंदोलन सड़क से संसद तक पहुंचा था. मामले की जानकारी के लिए राज्यपाल के दो-दो सलाहकार समेत डीजीपी भी यहां पहुंचे थे. वहीं राज्य के कई बड़े पुलिस अधिकारियों ने भी कई दिनों तक यहां कैंप किया था. बाद में मामला सीआइडी को भी ट्रांसफर किया गया था. सीआइडी जब मामले का खुलासा नहीं कर सकी तब केस सीबीआइ में ट्रांसफर हुआ.

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