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2000 रुपये नोट के रोक के फैसले पर देवघर व्यवसायियों ने दी प्रतिक्रिया, कहा- बाजार पर नहीं पड़ेगा

2000 के नोट अब नहीं चलेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे चलन से बाहर करने की घोषणा कर दी है. व्यापारी वर्ग पर कुछ असर हो सकते हैं, लेकिन 30 सितंबर तक इसे अपने एकाउंट में जमा कर व्यापारी राहत ले सकते हैं. उम्मीद है कि व्यवसायी वर्ग में इससे आपाधापी नहीं होगी.

2000 notes Ban: 2000 के नोट अब नहीं चलेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे चलन से बाहर करने की घोषणा कर दी है. दो हजार के नये नोट 2019 से ही नहीं छप रहे थे. इससे अंदाजा तो था ही कि इसे प्रचलन से हटाया जा सकता है. एक हजार की जगह दो हजार के नोट आने से जमाखोरी और भ्रष्टाचार बढ़ने की संभावना बनी रहती थी. दो हजार के नोट प्रचलन से हटाने पर आमलोगों पर कोई खास असर नहीं होगा.

व्यापारी वर्ग पर कुछ असर हो सकते हैं, लेकिन 30 सितंबर तक इसे अपने एकाउंट में जमा कर व्यापारी राहत ले सकते हैं. उम्मीद है कि व्यवसायी वर्ग में इससे आपाधापी नहीं होगी.

– आलोक मल्लिक, अध्यक्ष, संथाल परगना चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

दो हजार के नोटों के प्रचलन पर रोक की आधिकारिक घोषणा तो अब हुई है, जबकि इस पर काम पिछले दो सालों से चल रहा था. भारतीय बाज़ार से दो हज़ार के नोट पिछले दो सालों से ग़ायब हैं. आरबीआइ के इस निर्णय से बाजार में आर्थिक उथल-पुथल होगी. निश्चित रूप से व्यवसाय वर्ग भी प्रभावित होगा. कोविड के बाद मार्केट संभलने का प्रयास कर रहा था और इस बीच फिर से दो हजार के नोट के प्रचलन पर रोक पर व्यवसायियों से लेकर आम लोगों में भय पैदा कर दी है. इसका प्रभाव बाजार में पड़ेगा.

– रवि केसरी, अध्यक्ष, देवघर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

आरबीआइ द्वारा दो हजार रुपये के नोट वापसी का निर्णय स्वागत योग्य है. इससे काले धन पर अंकुश लगाने में सफलता मिलेगी. जमाखोरी, कालेधन व भ्रष्टाचार पर अंकुश बढ़ेगा. व्यापारियों को घबराने की जरूरत नहीं है. व्यापारी उपलब्ध नोट बैंक खाता में जमा कर सकते हैं. आरबीआइ ने लंबा समय दिया है. इस निर्णय से व्यापार में काई असर नहीं होने वाला है. वैसे भी दो हजार के नोटों का प्रचलन कम हो चुका था. बाजार में इसका फ्लो कम हो गया था. बाजार सामान्य रहेगा.

-दीपक सराइयां, कोषाध्यक्ष, संथाल परगना चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, देवघर

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नोटबंदी के बाद जो नये नोट जारी किये गये थे, उसी वक्त यह फैसला लिया गया था कि इसे वापस लिया जायेगा. उस वक्त कैश क्राइसिस से निबटने के लिए आरबीआइ ने अस्थायी तौर पर दो हजार का नोट जारी किया था. 2017-18 के बाद से दो हजार का नोट छपना भी बंद हो गया. यह अच्छा कदम है. इससे जमाखोरी पर अंकुश लगेगा. जिस तरह समय देकर बंद किया गया है, इससे जनता को भी परेशानी नहीं होगी. समय के अंदर लोगों बैंकों में नोट जमा कर पायेंगे.

– रितेश टिबड़ेवाल, सीए, देवघर

आरबीआइ का दो हजार रुपये का नोट बंद करने का फैसला सही है. हाल के दिनों में इसे बाजार में इस्तेमाल करते हुए बहुत कम देखा जा रहा था. कई लोग इन नोटों का इस्तेमाल अपने घरों में पैसे जमा करने के लिए कर रहे थे. पहले से दो हजार के नोटों का प्रचलन कम होने से व्यवसाय वर्ग को इससे कोई असर नहीं होगा. बाजार में बहुत ही कम फ्लो इस दो हजार के नोटों के थे. नोटों की बैंक में वापसी के लिए पर्याप्त समय है. इससे कोई आपा-धापी नहीं होगी.

– पीयूष जायसवाल,उपाध्यक्ष, संथाल परगना चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

आरबीआइ का दो हजार रुपये का नोट बंद करने का फैसला सही है. हाल के दिनों में इसे बाजार में इस्तेमाल करते हुए बहुत कम देखा जा रहा था. कई लोग इन नोटों का इस्तेमाल अपने घरों में पैसे जमा करने के लिए कर रहे थे. पहले से दो हजार के नोटों का प्रचलन कम होने से व्यवसाय वर्ग को इससे कोई असर नहीं होगा. बाजार में बहुत ही कम फ्लो इस दो हजार के नोटों के थे. नोटों की बैंक में वापसी के लिए पर्याप्त समय है. इससे कोई आपा-धापी नहीं होगी.

– पीयूष जायसवाल,उपाध्यक्ष, संथाल परगना चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

दो हजार रुपये का करेंसी बंद करना यह सरकार का सही निर्णय है. दो हजार के नोट मार्केट से तो बिल्कुल ही गायब हो चुके हैं. इस दो हजार के नोट से ब्लैक मनी को बढ़ावा मिलने की पूरी संभावना बनी हुई रहती थी. आरबीआइ के निर्णय से व्यापार जगत में कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. मार्केट में इस नोट का फ्लो कम हो चुका था. इस कारण व्यवसाय भी इस नोट पर निर्भर नहीं था, नोट जमा करने का भी सितंबर तक समय है.

– पंकज मोदी, सचिव, एसपीयाडीइंडस्ट्रीज एसोसिएशन

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