प्रेरणा दे गयी शतचंडी महायज्ञ : स्वामी सत्संगी
रिखियापीठ : पांच दिनों तक शतचंडी महायज्ञ कई देशों के शिष्यों को प्रेरणा दी गयी. यह प्रेरणा प्रसन्नता व प्रेम का है. उक्त बातें स्वामी सत्संगीजी ने रिखियापीठ में प्रवचन में कही. उन्होंने कहा कि दूसरों से प्रेम करना व गुरु के प्रति कृतज्ञता करना इस शतचंडी महायज्ञ से संस्कार भक्तों को मिली है. यही […]
रिखियापीठ : पांच दिनों तक शतचंडी महायज्ञ कई देशों के शिष्यों को प्रेरणा दी गयी. यह प्रेरणा प्रसन्नता व प्रेम का है. उक्त बातें स्वामी सत्संगीजी ने रिखियापीठ में प्रवचन में कही. उन्होंने कहा कि दूसरों से प्रेम करना व गुरु के प्रति कृतज्ञता करना इस शतचंडी महायज्ञ से संस्कार भक्तों को मिली है. यही संस्कार लेकर भक्त अपने-अपने घरों तक जायेंगे व दूसरों तक फैलायेंगे. यह यज्ञ आत्मदृष्टि बदलेगी. मन, बुद्धि व विचार में बदलाव आयेगा व अहंकार विनम्रता में तब्दील हो जायेगी. मां दुर्गा की आराधना से मन के भीतर बसी हुई देवी का अवतरण हुआ है. मंत्रोच्चारण व कीर्तन ने शुद्ध चेतना के अवतरण को स्वीकार करने की उर्जा भक्तों को प्रदान की है. अनुष्ठान के अंतिम दिन दो गाय का वितरण गरीबों के बीच किया गया.