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पंचायत प्रतिनिधियों पर प्रत्याशियों का डोरा !

– रात में बनती है रणनीति संवाददाता, देवघरविधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे प्रत्याशी अपना चुनावी वैतरनी पार करने के लिए किसी भी तरह के सहारे को छोड़ना नहीं चाहते. विधानसभा चुनाव में 34 वर्षों बाद प्रत्याशियों को पंचायत प्रतिनिधियों का साथ मिल रहा है, इसलिए इस मौके को प्रत्याशी गंवाना नहीं चाहते हैं. इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 28, 2014 10:02 PM

– रात में बनती है रणनीति संवाददाता, देवघरविधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे प्रत्याशी अपना चुनावी वैतरनी पार करने के लिए किसी भी तरह के सहारे को छोड़ना नहीं चाहते. विधानसभा चुनाव में 34 वर्षों बाद प्रत्याशियों को पंचायत प्रतिनिधियों का साथ मिल रहा है, इसलिए इस मौके को प्रत्याशी गंवाना नहीं चाहते हैं. इन दिनों विधानसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशी अपने वोट की गोटी सेट करने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों पर डोरे डाल रहे हैं. पंचायत प्रतिनिधियों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रत्याशी पूरा जोर-अजमाइश करने में जुटे हैं. इसमें जिला परिषद से लेकर पंचायत समिति व मुखिया तक को अपने-अपने पक्ष में करने की जुगाड़ चल रही है. ताकि संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों के प्रभाव वाले क्षेत्र से कुछ वोट प्राप्त हो सके. पंचायत प्रतिनिधियों को अपने खेमे में लाने के लिए प्रत्याशी उनके दरवाजे पर घंटो तक समय बिता रहे हैं. पंचायत प्रतिनिधियों के साथ रात में भी गुप्त बैठक कर रणनीति बनायी जा रही है. देवघर जिले में 500 की संख्या में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि हैं. इसमें कई पंचायत प्रतिनिधि तो कोई न कोई राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हैं तो कई बगैर किसी पार्टी से जुड़े अपने पसंदीदा प्रत्याशियों के फोल्डर में कूद चुके हैं. बगैर किसी पार्टी से जुड़े रहने वाले पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने अंदाज में गांव व चौपाल में माहौल तैयार करने में जुटे हैं.

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