चुनावी गपशप – कानाफूसी ( कॉलम )

नाय देभीं टाका, तेय दबाय देबो नोटा …देवघर :मंगरूवा बहुत ही गरम मूड में पार्टी दफ्तर के बाहर रौब में अवतरित था. उनके साथ दर्जनों चुनावी जंग के फौजी भी मोरचा संभाले थे. लग रहा था कि कोई महासंग्राम की आशंका हो. मंगरूवा सेनापति का रॉल करने पर आमदा था. वाकई में मेन रोड रणक्षेत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2014 9:02 PM

नाय देभीं टाका, तेय दबाय देबो नोटा …देवघर :मंगरूवा बहुत ही गरम मूड में पार्टी दफ्तर के बाहर रौब में अवतरित था. उनके साथ दर्जनों चुनावी जंग के फौजी भी मोरचा संभाले थे. लग रहा था कि कोई महासंग्राम की आशंका हो. मंगरूवा सेनापति का रॉल करने पर आमदा था. वाकई में मेन रोड रणक्षेत्र की तरह बनते जा रहा था. काले रंग की बोलेरो से चिकन चापड़ नेता उतरे ही थे और मंगरूवा से पंगा पड़ गया. देखें बड़का पाटीक नेता रहें चाहे छोटका पाटीक…तोर खातिर खटबो ते हमनी लेइबे करबो नोटवा. पेटम लूगा बांधीक खटेक जमाना आबै नाय. फेंकें टाका, देखें तमाशा. बुझलें फलनवां दा. जें बनावेल जाने छेय, बिगाड़ेल भी जाने छे. नाय देबीं नोटा तेय भोटक दिनें सब्भै भाय बहिन केर कही देइबो इवीएमें (इवीएम) दबाये देहीं नोटा…ओफ ! आज तोरा कि भेलो मंगरूवा. काहे खड़मंगल वला बात बकी रहल छीं. एक पनरहियास देखी रहल छियों देबें टाका मतुर भंफौड़ीम पार करी रहल हीं. ठीके बोले हो फलनवां कका. उम्मीदवार का माथा टनकाता है. बात की घूंट पीकर ..बॉडीगार्ड को ब्रीफ केस खोलने का ईशारा देता है. गाड़ी स्टार्ट हो जाती है. चलें बिना धीपालें लोहवा थोड़े टूटे छे नुनुवां. मंगरूवा का मिजाज हो जाता है हरियर.————–

Next Article

Exit mobile version