चुनावी गपशप- कानाफूसी (कॉलम)

नाय बिकी रहल छो धुरछक मलाइया भयवादेवघर : टावर चौक के निकट – मलाइमार टी स्टॉल. रात करीब दस बजता होगा. इक्के -दुक्के बुजुर्ग टाइप के नेता डटे थे. दुकान के सामने कढ़ाई में मलाइ बसीया रहा था. सांस खींचते हुए कंजूसानंद कका… ओफ! का हो गया तोर दुकानी. काहे मलइया बसीया रहा है मोटूवा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2014 8:02 PM

नाय बिकी रहल छो धुरछक मलाइया भयवादेवघर : टावर चौक के निकट – मलाइमार टी स्टॉल. रात करीब दस बजता होगा. इक्के -दुक्के बुजुर्ग टाइप के नेता डटे थे. दुकान के सामने कढ़ाई में मलाइ बसीया रहा था. सांस खींचते हुए कंजूसानंद कका… ओफ! का हो गया तोर दुकानी. काहे मलइया बसीया रहा है मोटूवा. लागे हो पुष लागी गेल छो, कि लकवा मारी देल हो. काहे कका इ रकम अननोन बात डाके हीं. जानबे करे छीं अखनी भोटक टेम छीको. पेहले हमर दोकानें खजबज नेता आवै छेले ते मलइया लूटाय जाय छेले. अखनी पालक पाल नेतवन परचारम देहात चली गेल हे, तेय कौन चीज बिकते. बिहानेस माछी मारी रहल छौं. बोहनियों पर आफेत हो कका. चकाचक जामा आरो बंडी झाड़ीक जोर होवे छेलो ते हमर मलइयाक बता दूर खखोरनवां लूटाय जाय हलो. घरम कनियायोस हामे डांट खाय हों..ढेरी पिहानी सुने हों. कइसें चलतअ घरक खरची. नाय होवे छय बिकरी बट्टा तेय जाय मजोरी खटेल. कंजूसानंद कका इसब सुने जा रहे थे. भीतरे-भीतर उनका करेजा धकधका रहा था. सांस छोड़ते हुए..देखें मोटुवा. इ जे बात बकी रहल छीं, सब्भै गोटां भोगी रहल हे. होम मिनिस्टर छीके. ओकरास नाहीं परभीं. कोनोह रकम मनावें. कहें कि आरो दस दिन थामेन मीरेन. भोटा खतम होलाक बादें टाका गिरे लागते आरो सब दुख भागी जाइते. एक युवक टपक उठता है…ठीके कहलें भयवा.

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