सीबीआइ टीम को भी गायब सुबूत की तलाश
देवघर : जसीडीह डबल मर्डर मिस्ट्री में सीबीआइ को भी एक्जीविट की तलाश है. परिजनों के अनुसार गायब एक्जीविट को खोजने में पुलिस व सीआइडी सफल नहीं हो सकी. वहीं यह भी पता नहीं कर पायी थी कि एक्जीविट गया कहां? सीबीआइ अधिकारियों ने भी एक्जीविट को लेकर खूब माथापच्ची की. बावजूद अब तक कुछ […]
देवघर : जसीडीह डबल मर्डर मिस्ट्री में सीबीआइ को भी एक्जीविट की तलाश है. परिजनों के अनुसार गायब एक्जीविट को खोजने में पुलिस व सीआइडी सफल नहीं हो सकी. वहीं यह भी पता नहीं कर पायी थी कि एक्जीविट गया कहां? सीबीआइ अधिकारियों ने भी एक्जीविट को लेकर खूब माथापच्ची की. बावजूद अब तक कुछ पता नहीं चल सका है.
एक्जीविट को लेकर सीबीआइ अधिकारियों ने परिजनों से भी संपर्क कर पूछताछ की थी. इसके अलावे पोस्टमार्टम में रहने वाले कर्मी समेत श्मसान के पंडित, मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों व इन्क्वेस्ट तैयार करने वाले पुलिस अधिकारी, उस वक्त के आइओ रहे पूर्व इंस्पेक्टर विनोद कुमार वर्मा व तत्कालीन महिला थाना प्रभारी प्रफुल्लित कुजूर से भी पूछताछ हो चुकी है. किसी से भी एक्जीविट के बारे में कुछ पता नहीं चल सका. परिजन भी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहे हैं. परिजनों का कहना है कि एक्जीविट को सुरक्षित रखना पुलिस की जिम्मेवारी है. ऐसे में पुलिस की चूक या लापरवाही से एक्जीविट गायब हुआ था, यह तह तक पहुंचने पर ही स्पष्ट हो सकता है. अगर सीबीआइ तह तक पहुंची तो कईयों की मुश्किलें बढ़ सकती है. कई पुलिस अधिकारी व कर्मी कार्रवाई के दायरे में भी आ सकते हैं.
पोस्टमार्टम के बाद कहां गया एक्जीविट?
पुलिस लाइन के तालाब से शव बरामद होने के वक्त रश्मि व रोशनी (दोनों काल्पनिक नाम) के शरीर पर कपड़ा मौजूद था. लेकिन पोस्टमार्टम के बाद दोनों का कपड़ा कहां गया, यह पुलिस को भी पता नहीं है. आखिर इसमें दोषी कौन, घटना के डेढ़ साल बीतने के बाद भी पता नहीं चल सका है.
आखिर किसी ने सबूत मिटाने का प्रयास तो नहीं किया?
इस मामले में कई सवाल भी उभर रहे हैं, कि किसी ने आखिर सबूत मिटाने के लिये तो एक्जीविट को गायब नहीं किया? यह जांच का विषय है. मामले की जांच किये पुलिस अधिकारी सहित सीआइडी व सीबीआइ टीम अब तक इसका पता ही नहीं कर सकी है. अगर इस बिंदु पर गहराई से जांच हुआ तो बड़ा खुलासा हो सकता है.