प्रवचन::: चक्र एक स्विच की तरह है

प्रत्येक चक्र एक स्विच की तरह होता है जो मस्तिष्क के विशिष्ट हिस्से से संबंधित होता है. जिस प्रकार हम स्विच को दबाते हैं तो उससे संबंधित बल्ब जल उठते हैं तथा प्रकाशित होने लगते हैं, उसी प्रकार किसी विशिष्ट चक्र के जागने से उससे संबंधित मस्तिष्क का हिस्सा भी जागृत होता है तथा उससे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2014 5:01 PM

प्रत्येक चक्र एक स्विच की तरह होता है जो मस्तिष्क के विशिष्ट हिस्से से संबंधित होता है. जिस प्रकार हम स्विच को दबाते हैं तो उससे संबंधित बल्ब जल उठते हैं तथा प्रकाशित होने लगते हैं, उसी प्रकार किसी विशिष्ट चक्र के जागने से उससे संबंधित मस्तिष्क का हिस्सा भी जागृत होता है तथा उससे संबंधित ऐच्छिक और अनैच्छिक स्नायु-संस्थान क्रियाशील होकर हमारी शारीरिक, मानसिक क्षमताओं में वृद्धि करते हैं. इससे अतिरिक्त प्राण-ऊर्जा की आपूर्ति होती है. इस प्रभाव के कारण हमारी चेतना में भी विशिष्ट परिवर्तन होता है. भौतिक या मानसिक रूप से यदि किसी चक्र को उत्प्रेरित किया जाता है तो उससे भी चेतना की अवस्था में परिवर्तन, आत्मिक शक्तियों का जागरण तथा व्यक्तित्व के उच्च आयामों का उदघाटन होता है.

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