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देवघर : 24 घंटे में 23 एमएम बारिश, किसानों में जगी उम्मीद

देवघर में सुबह से लेकर देर रात तक रुक-रुक कर बारिश होती रही. इस बारिश से कई इलाकों में जलजमाव का स्थिति बन गई. वहीं, जिले में 24 घंटे 23 एमएम की बारिश से किसानों में उम्मीद जग गई है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2023 8:45 AM

Deoghar News: गुरुवार को देवघर में सुबह नौ बजे से बारिश शुरू हो गयी और देर रात तक कभी तेज तो कभी धीमी बारिश होती रही. मौसम विभाग के अनुसार, देवघर में गुरुवार को रात आठ बजे तक 23 एमएम बारिश हो चुकी है. सुबह 9:00 बजे से शुरू हुई बारिश शाम 6:00 बजे के आसपास रुकी. हालांकि, कई इलाकों में रात में भी बूंदाबांदी होती रही. दिन भर रुक-रुक कर हुई बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गये.

देवघर शहर के हरिहरबाड़ी, नंदन पहाड़ सिविल लाइन, राजा बगीचा, करनीबाद, बिलासी आदि इलाके में जलजमाव की स्थिति हो गयी. बारिश का असर बाजार में भी पड़ा. शाम में बाजार में कई दुकानें समय से पहले बंद हो गयीं. ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश से खेत और तालाब में पानी थोड़ा बढ़ा है. इस बारिश से धान की रोपनी में भी तेजी आयी है. देवघर में अभी तक 30 फीसदी रोपनी हो चुकी है. रांची के मौसम विभाग के अनुसार, मानसून देवघर से होकर गुजर रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक साउन चक्रवर्ती ने बताया कि 31 अगस्त तक बारिश की संभावना बनी रहेगी. शुक्रवार को भी 20 एमएम और शनिवार को 10 एमएम बारिश होने की संभावना है. अगले दो-तीन दिनों तक रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी. एक सप्ताह के दौरान बारिश से धनरोपनी में थोड़ी वृद्धि हो सकती है.

कचहरी परिसर में जलजमाव से परेशानी

गुरुवार को तेज वर्षा के चलते कई जगहों पर जलजमाव हो गया. सिविल कोर्ट कैंपस में प्रवेश करने वाले उतरी गेट के सामने करीब एक फीट पानी जम गया. वाणिज्य कर विभाग के दफ्तर जाने वाले लोगों को आने जाने में भारी परेशानी हुई. हालांकि कोर्ट के गेट के निकट पहले जलजमाव होता था, लेकिन गेट के पास सड़क को ऊंची कर ढलाई कर देने से पानी गेट के सामने जम गया. निकासी के लिए नाला नहीं रहने के चलते जलजमाव हो गया. अधिवक्ताओं के अलावा आम नागरिकों को भी परेशानी उठानी पड़ी.

हरिहरबाड़ी में बड़ा नाला खतरे को दे रहा आमंत्रण

वार्ड नंबर 21 स्थित हरिहरबाड़ी बड़ा नाला खतरनाक बनता जा रहा है. बारिश होते ही सड़क व नाला पानी से भर जाता है. इससे नाला दिखाई नहीं पड़ता है और अक्सर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. एक महीने में आधा दर्जन से अधिक छोटी वाहन गिरने से बचस. दो बार सड़क बनने से अब नाले और सड़क की ऊंचाई बराबर हो गयी है. पानी के निकासी की वयवस्था नहीं होने से पानी सड़क पर आ जाता है. बुधवार को भी ओड़िसा के पांच यात्रियों की जान जाने से बच गयी. सभी लोग बासुकिनाथ से पूजा कर लौटने के बाद नाले की ओर से गुजर रहे थे. पानी के कारण ड्राइवर को नाले का पता ही नहीं चला. एकाएक गाड़ी नाले में गिरने लगी. यात्री किसी तरह बाहर निकल कर जान बचा सके. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की मदद से रात के लगभग दो बजे क्रेन से गाड़ी को नाले से बाहर निकाला गया.

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