किसानों को नहीं मिला अनुदानित बीज

देवघर: चुनावी गहमा-गहमी में इस वर्ष किसानों को रबी के मौसम में बाजार से महंगे दर पर गेहूं का बीज खरीदना पड़ा. इस वर्ष रबी के मौसम में किसानों को अनुदानित बीज नहीं मिल पाया. कृषि व सहकारिता विभाग के अधिकारियों द्वारा समय पर प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद सरकार किसानों को समय पर बीज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2014 7:45 AM

देवघर: चुनावी गहमा-गहमी में इस वर्ष किसानों को रबी के मौसम में बाजार से महंगे दर पर गेहूं का बीज खरीदना पड़ा. इस वर्ष रबी के मौसम में किसानों को अनुदानित बीज नहीं मिल पाया.

कृषि व सहकारिता विभाग के अधिकारियों द्वारा समय पर प्रस्ताव भेजे जाने के बावजूद सरकार किसानों को समय पर बीज उपलब्ध नहीं करा पायी. राज्य सरकार से पैक्सों के माध्यम से प्रत्येक वर्ष 50 फीसदी अनुदान पर किसानों को गेहूं का बीज उपलब्ध कराया जाता था. इस वर्ष यह योजना चुनाव की भेंट चढ़ गयी. किसानों को दोगुने दर पर बाजार से गेहूं का बीज खरीदना पड़ा. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार दिसंबर प्रथम सप्ताह तक गेहूं का बिचड़ा डालने पर उत्पादन बेहतर होने की संभावना रहती है. बावजूद 20 दिसंबर तक किसान संताल परगना की जमीन में गेहूं का बिचड़ा डाल सकते थे. लेकिन सरकार समय पर बीज उपलब्ध नहीं करा सकी. इसलिए अधिकांश किसानों ने बाजार से गेहूं का बिचड़ा खरीदकर खेती शुरु कर दी.

किसानों को बाजार में 40 से 45 रुपये किलो प्रति किलो की दर से गेहूं का बीज खरीदना पड़ रहा है. अगर सरकार बीज उपलब्ध कराती तो 50 फीसदी अनुदानित दर 20 से 22 रुपये किलो किसानों को चुकाना पड़ता. इससे किसानों को सीधे 50 फीसदी लाभ पहुंच सकता था.

धान बिक्री केंद्र पर भी चुनावी असर

गेहूं के तर्ज पर किसानों पर धान के मुनाफे पर भी असर पड़ा है. सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसानों को बाजार में औने-पौने दाम दर पर धान बेचना पड़ रहा है. इससे किसान को मुनाफा के बजाय सीधे पूंजी पर असर पड़ रहा है.

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